Local & National News in Hindi

जनसुराज में RCP सिंह का जलवा: प्रशांत किशोर की 51 कैंडिडेट वाली लिस्ट में 16 ‘दलबदलू’, आरसीपी का दबदबा कायम

39

प्रशांत किशोर की जनसुराज ने बिहार चुनाव 2025 को लेकर 51 उम्मीदवारों सूची जारी कर दी है. पार्टी नेता आरसीपी सिंह की तरफ से जारी इस लिस्ट में दलबदलुओं और पैराशूट वाले उम्मीदवारों का खूब दबदबा है. पहली सूची में पीके ने 16 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो या तो दलबदलू हैं या हाल ही में हवाई जहाज से पार्टी में शामिल हुए हैं.

टिकट बंटवारे में पार्टी ने जातियों का भी खास ख्याल रखा है. भोरे सीट से पार्टी ने प्रीती किन्नर को भी उम्मीदवार बनाया है. पहली लिस्ट में आरसीपी का जलवा साफ दिख रहा है. सिंह के 3 करीबियों को टिकट दिया गया है.

पहले टिकट को लेकर पीके का बयान

टिकट उन्हीं लोगों को दिया जाएगा, जिन्होंने शुरू से पार्टी के लिए काम किया है. नए लोग आ रहे हैं. उन्हें आने देंगे, लेकिन टिकट किसी को नहीं देंगे. टिकट पाने के लिए कम से कम 3 साल की मेहनत जरूरी है. हवाई जहाज से उतरने वालों को तो किसी भी कीमत पर टिकट नहीं मिलेगा.

(स्थानीय न्यूज चैनल के एक इंटरव्यू में)

जन सुराज के लिस्ट में कितने दल बदलू?

1. अस्थवां सीट से लता सिंह को टिकट दिया गया है. लता पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी है. आरसीपी पहले जेडीयू और बीजेपी में रह चुके हैं. भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद जेडीयू छोड़ दिए थे.

2. ⁠कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति को मोरवा सीट से टिकट दिया गया है. जागृति का पूरा परिवार जेडीयू में है. जागृति के चाचा रामनाथ ठाकुर केंद्र सरकार में मंत्री हैं.

3. ढाका सीट से लाल बाबू प्रसाद को टिकट दिया गया है. लाल बाबू प्रसाद मोतिहारी के चर्चित नेता हैं. बीजेपी में रह चुके हैं. 2017 में पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था.

4. बिहारशरीफ सीट से दिनेश कुमार को जनसुराज ने टिकट दिया है. दिनेश कुमार बिहारशरीफ के मेयर रहे हैं. कई सालों तक जेडीयू की राजनीति की. दिनेश कुमार को आरसीपी कोटे से टिकट मिला है.

5.बोधगया सीट से लक्ष्मण मांझी को टिकट दिया गया है. मांझी कुछ ही दिन पहले हम से जनसुराज में शामिल हुए थे. बोधगया सीट पर आरजेडी के कुमार सर्वजीत विधायक हैं.

6.औरंगाबाद के नबीनगर सीट से अर्चना चंद्र यादव को टिकट दिया गया है. अर्चना भाजपा में रह चुकी हैं. इसी साल जनवरी में उन्होंने पाला बदल लिया था.

7. गोह सीट से सीताराम दुखारी को टिकट दिया गया है. दुखारी इसी साल जुलाई में जनसुराज में शामिल हुए थे. दुखारी पहले जेडीयू की राजनीति करते थे.

8. रितेश पांडेय को जनसुराज ने करगहर सीट से टिकट दिया है. रितेश पहले बीजेपी और एनडीए के लिए मुखर वक्ता थे. इसी साल जुलाई में उन्होंने जनसुराज का दामन थामा था.

9. बेलहर सीट से ब्रजकिशोर पंडित को टिकट दिया गया है. ब्रजकिशोर पंडित पहले आशा पार्टी से जुड़े थे. यहां का सियासी समीकरण को देखते हुए ब्रजकिशोर को टिकट दिया गया है.

10. खगड़िया सीट से जयंती पटेल को टिकट दिया गया है. जयंती पटेल पहले जेडीयू में रह चुकी हैं. आरसीपी सिंह की करीबी मानी जाती हैं.

11. मटिहानी सीट से आईजीआईएमएस के डॉक्टर अरुण कुमार को टिकट दिया गया है. वे कुछ ही समय पहले पार्टी से जुड़े थे.

12. कल्याणपुर सीट से रामबालक पासवान को टिकट दिया गया है. पासवान जेडीयू और बीजेपी की राजनीति समस्तीपुर में करते रहे हैं.

13. लौरया सीट से सुनील कुमार को टिकट दिया गया है. सुनील पहले भी बीएसपी से चुनाव लड़ चुके हैं. 2015 में सुनील को इस सीट पर 8 हजार वोट मिले थे.

14. 2 महीने पहले जनसुराज में आए चंदन मेहता को सोनपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. सोनपुर को आरजेडी का गढ़ माना जाता है.

15. जुलाई 2025 में जनसुराज में शामिल होने वाले जय प्रकाश सिंह को छपरा से उम्मीदवार बनाया गया है. जेपी सिंह हिमाचल पुलिस में एडीजी रह चुके हैं.

16. जून 2025 में गोपालगंज के मशहूर डॉक्टर शशि शेखर सिन्हा जनसुराज में शामिल हुए थे. अब उन्हें विधानसभा का उम्मीदवार बनाया था.

जाति के नाम पर भी खूब बंटे टिकट

बेनीपट्टी विधानसभा सीट पर 16 प्रतिशत मुस्लिम हैं. यहां से जनसुराज ने परवेज आलम को टिकट दिया है. इसी तरह मुस्लिम बहुल कोचधामन, अमौर से इसी समुदाय के लोगों को टिकट दिया गया है. यादव बहुल निर्मली में रामप्रवेश कुमार यादव को टिकट दिया गया है. केवटी में मुस्लिम, ब्राह्मण और निषाद समुदाय की आबादी सबसे ज्यादा है. यहां पर जन सुराज ने निषाद समुदाय के बिल्टू सहनी को उम्मीदवार बनाया है.

पार्टी ने ब्राह्मणों को साधने के लिए केवटी के बगल की दरभंगा सीट पर आरके मिश्रा और मुस्लिम को साधने के लिए दरभंगा ग्रामीण सीट से शोएब खान को टिकट दिया है. इतना ही नहीं, पार्टी ने कई जगहों पर जानबूझकर सरनेम का भी इस्तेमाल किया है.

मसलन, सिंगर रितेश रंजन को करगहर से टिकट दिया गया है. यहां उनके समुदाय के करीब 30 हजार वोटर्स है. जन सुराज ने जो लिस्ट जारी किया है, उनमें रितेश के सरनेम को ब्रेकेट में रखा गया है.

दिलचस्प बात है कि जनसुराज के स्थापना के वक्त प्रशांत किशोर ने जात और भात के नाम पर न तो टिकट बांटने और न ही वोट मांगने की घोषणा की थी.

क्या कहते हैं जनसुराज के नेता?

जनसुराज के फाउंडर मेंबर और कोर कमेटी के सदस्य गणेश राम के मुताबिक टिकट जिताऊ उम्मीदवार को दिया गया है. दलबदलू और अन्य बातों को प्रशांत किशोर ही स्पष्ट कर पाएंगे. अभी पूरी लिस्ट आने के बाद इस पर ज्यादा बात हम लोग कर सकेंगे.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.