ममता की कन्याश्री-रूपाश्री पर BJP का वार! क्या BJP की नई स्कीम दे पाएगी मात? बंगाल पर टिकी सबकी नजर, वोट बटोरने की नई जंग
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, जिसने नीतीश कुमार को एक बार फिर से सत्ता में काबिज होने का मौका दिया, बीजेपी को बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनाया काफी चर्चा में आ गई है. इस योजना को बिहार की चुनावी राजनीति का रुख मोड़ने वाली योजना कहा जा रहा है. जिसके महिलाओं के अकाउंट में 10 हजार रुपए डाले गए, वो भी एक मुश्त. भले ही जेडीयू के लिए बिहार में जीत के साथ सफर थोड़ा थम गया हो, लेकिन बीजेपी के लिए ये एक शुरुआत हो सकती है.
इसका कारण भी है. महिला रोजगार योजना के तहत 10 हजार रुपए महिलाओं को देने का ऐलान आने वाले दूसरे राज्यों के चुनावों में भी हो सकता है. मौजूदा समय में बीजेपी की नलर वेस्ट बंगाल की राजनीति पर है. जिसका पिछले विधानसभा चुनावों में काफी अच्छा प्रदर्शन जरूर था, लेकिन सत्ता से दूर थी. बंगाल की सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी महिला रोजगार योजना का ऐलान कर सकती है.
बीजेपी की इस योजना को टीएमसी सरकार की योजनाओं से टकराना पड़ सकता है. वेस्ट बंगाल में काफी समय से महिलाओं को लड़कियों के लिए तीन योजनाएं चल रही हैं. जिनके तहत पैसा सीधे अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. ये स्कीम्स खासकर गरीब महिलाओं को परिवारों के लिए हैं. जिसमें कन्याश्री प्रकल्प, रूपाश्री प्रकल्प और लक्ष्मी भंडार शामिल हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ये तीनों स्कीम्स क्या हैं? इन स्कीम्स के तहत महिलाओं या लड़कियों के अकाउंट में कितना पैसा जाता है.
कन्याश्री प्रकल्प योजना
वेस्ट बंगाल की ममता सरकार ने साल 2013 में इस स्कीम की शुरुआत की थी. पहले इस स्कीम की शुरुआत लड़कियों की प्राइमरी और सेकंडरी एजुकेशन में मदद करने के लिए की गई थी. जिसके बाद इस स्कीम को ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट तक बढ़ा दिया गया. वैसे इस स्कीम को लाने का एक और उद्देश्य ये भी था कि बंगाल में बाल विवाही को रोका जाए.
पहले फेज के तहत 13 से 18 साल की बच्चियों को हर साल 1,000 रुपए दिए जाते हैं. उसके बाद दूसरे फेज में 18 या 19 साल मी लड़कियों को हायर एजुकेशन के लिए 25 हजार रुपए की स्कॉलरशिप दी जाती है. तीसरा फेज में 19 साल से अधिक आयू की लड़की को जो अविवाहित हो और आर्ट्स की पढ़ाई कर रही हो हर महीने 2000 रुपए और साइंस की पढ़ाई करने वाली को 2500 रुपए दिए जाते हैं.
वित्त वर्ष 2025-26 के बजट को देखें तो अब तक इस स्कीम से लगभग 1 करोड़ लाभार्थियों को फायदा पहुंचाया जा चुका है. वित्त वर्ष 2024-25 में, 15.75 लाख लड़कियों ने इस योजना के 1000 रुपए के वार्षिक छात्रवृत्ति घटक में इनरोल कराया और 2.01 लाख लड़कियों को 25,000 रुपए के एकमुश्त अनुदान के लिए इनरोल किया गया. इस साल इस स्कीम के लिए 593.51 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.
रूपाश्री प्रकल्प योजना
रूपाश्री प्रकल्प योजना को बंगाल सरकार ने सदन में 2018-19 के बजट में रखा और पास करा कराया गया. पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए रूपश्री प्रकल्प योजना शुरू की हुई है. इस योजना के तहत, सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को उनकी बेटियों की शादी के समय 25,000 रुपए की एकमुश्त वित्तीय सहायता देती है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया है. रूपश्री प्रकल्प योजना के तहत अनुदान से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लगभग 6 लाख लड़कियों को मदद मिल रही है. वर्ष 2024-25 में, रूपश्री प्रकल्प का लाभ 2.08 लाख लाभार्थियों तक पहुंचा, जिसमें कुल 504.25 करोड़ का डिस्ट्रीब्यूट किया गया.
लक्ष्मी भंडार योजना
“लक्ष्मी भंडार” योजना राज्य सरकार द्वारा फरवरी 2021 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा था कि महिलाओं को मासिक आय प्रदान करने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल सरकार की ‘लक्ष्मी भंडार’ ने अपने लाभार्थियों की संख्या 2023-24 में 1.98 करोड़ से बढ़ाकर 2024-25 में 2.21 करोड़ कर दी है.
2024-25 में, सरकार ने इस योजना के तहत 19,385.39 करोड़ खर्च किए हैं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों के लिए मासिक वित्तीय सहायता 1000 रुपए से बढ़ाकर 1,200 रुपए कर दी है, जबकि अन्य श्रेणियों की महिलाओं के लिए 500 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए कर दी है.
महिलाओं के लिए 38,762.03 करोड़ का बजट
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बंगाल की ममता सरकार ने महिला एवं बाल विकास के लिए काफी मोटा बजट रखा है. आंकड़ों के अनुसार महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग के लिए, सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए 38,762.03 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव रखा था. वर्ष 2024-25 के दौरान, सरकार ने इस विभाग के लिए 26,590.45 करोड़ रुपए आवंटित किए थे. इसका मतलब है कि इस वित्त वर्ष में 12,171.58 करोड़ रुपए ज्यादा आवंटित किए गए हैं.
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