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महाराष्ट्र में अब दो पवारों का शक्ति प्रदर्शन! शरद-अजित आमने-सामने, BJP-शिंदे के लिए बढ़ी मुश्किल, जानें क्या है नई राजनीतिक केमिस्ट्री?

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महाराष्ट्र में चुनावी बयार बहने से पहले ही राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ चुका है. राज्य की राजनीति इस समय दो बड़े मोर्चों पर करवट ले रही है. इनमें पहला मोर्चा, बीजेपी और शिंदे सेना के बीच कम होती कड़वाहट, बढ़ती नजदीकियां, और दूसरा मोर्चा, चाचा-भतीजा की फिर से बनती केमिस्ट्री है.

दो दिन पहले नागपुर में एक बंद कमरे में सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की एक घंटे लंबी मीटिंग हुई थी. इसी मीटिंग में 29 महानगरपालिकाओं में एक साथ चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हुआ. अब इसी राजनीतिक मेलमिलाप को आगे बढ़ाते हुए, आज रात 9 बजे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण, शिवसेना प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर रहे हैं. इस बैठक का एजेंडा- मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई नगर निगम चुनावों में गठबंधन को अंतिम रूप देना है.

नवी मुंबई पर निर्णय बेहद अहम

नवी मुंबई को एकनाथ शिंदे अपना राजनीतिक गढ़ मानते हैं. यह ठाणे से सटा हुआ शहर है. तो वहीं भाजपा के दिग्गज कैबिनेट मंत्री गणेश नाइक और विधायक मंदा म्हात्रे का भी यहां मजबूत जनाधार है. ऐसे में गठबंधन का फॉर्मूला तय करना आसान नहीं, लेकिन बेहद जरूरी है. उधर, गुरुवार को फडणवीस के निर्देश पर चव्हाण और शिंदे की भी एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है. दिल्ली में चव्हाण की अमित शाह से मुलाकात ने संकेत दे दिए हैं कि दिल्ली का भी हरी झंडीसिग्नल गठबंधन के पक्ष में है.

अमित शाह के हस्तक्षेप से बनी बात

गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद फडणवीस और शिंदे के बीच सुलह होने की बात सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि शाह के हस्तक्षेप के बाद ही शिंदे-फडणवीस के बीच चल रहा शीतयुद्ध थमा है और अब दोनों पक्ष पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुके हैं.

चाचा-भतीजे की बढ़ती नजदीकियां

दूसरी तरफ, महाराष्ट्र की राजनीति का दूसरा बड़ा प्लॉट तैयार हो रहा है. यहां शरद पवार और अजित पवार की नजदीकियां बढ़ने लगी हैं. हाल ही में दिल्ली में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से मुलाकात की है. वो भी तब जब नागपुर में अधिवेशन का शीतकालीन सत्र चल रहा है. अजित पवार नागपुर से फ्लाइट लेकर दिल्ली चले गए और अपने चाचा से मिलकर उन्हें बर्थडे की बधाई दी.

राजनीतिक गलियारों में हलचल

इस मुलाकात के बाद से सवाल उठ रहे है कि क्या चाचा-भतीजा फिर एक मंच पर आएंगे? उधर, कल 12 दिसंबर को शरद पवार का जन्मदिन है. और उससे पहले ही पुणे की सड़कों पर लगे बैनर चर्चा में हैं. बैनरों पर शरद पवार और अजित पवार दोनों की तस्वीरें, साथ में घड़ी का चुनाव चिन्ह बना है. इन बैनरों को राष्ट्रवादी अजित पवार गुट के कार्यकर्ताओं ने लगाया है. विशेष रूप से करण गायकवाड़, जो गुट के अहम पदाधिकारी हैं. पूरे पुणे में ये बैनर लगे हैं, जिसने राजनीतिक संकेतों को और गहरा कर दिया है.

भतीजे युगेंद्र की शादी में शामिल हुए थे अजित

इसके अलावा, अजित पवार हाल ही में बहरीन भी गए थे, जहां उनके भतीजे युगेंद्र पवार की शादी थी. याद रहे कि युगेंद्र ने 2024 विधानसभा चुनाव शरद पवार के कहने पर अजित पवार के सामने लड़कर सुर्खियां बटोरी थीं. यह मुलाकातें और पारिवारिक समीकरण अब नई व्याख्याओं को जन्म दे रहे हैं.

महाराष्ट्र की राजनीति- दो मोर्चों पर बड़ी हलचल

एक तरफ बीजेपी और शिंदे सेना गठबंधन एक बार फिर मजबूत होता दिख रहा है. दूसरी तरफ शरद और अजित पवार के समीकरण नए संकेत दे रहे हैं. क्या यह चुनाव से पहले नए समीकरणों का संकेत है? क्या गठबंधन और रिश्ते दोनों दिशाओं में फिर से नए तरीके से लिखे जा रहे हैं? इन सवालों ने महाराष्ट्र की राजनीति इस समय सबसे दिलचस्प मोड़ दिया हुआ है.

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