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ज्ञानवापी केस में जिला अदालत का अहम फैसला! वजूखाने का कपड़ा नहीं बदला जाएगा, हिंदू पक्ष की याचिका खारिज, फैसले के पीछे क्या है अदालत का तर्क?

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वाराणसी जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत ने प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट का हवाला देते हुए सील वजूखाने के सील्ड ताले का कपड़ा बदलने की हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि वरशिप एक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सर्वोच्च अदालत की तरफ से अधीनस्थ न्यायालयों को ये निर्देश है कि इस मामले में न तो कोई नई याचिका स्वीकार की जाएगी और न ही किसी तरह का कोई फ़ैसला दिया जाएगा. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी.

जिला जज की अदालत ने हिन्दू पक्ष से कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सील्ड एरिया को सुरक्षित और संरक्षित रखने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी है तो इस मामले में उनको जिला प्रशासन के पास जाना चाहिए.

फैसले से हिन्दू पक्ष को लगा झटका

हिन्दू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि कोर्ट के फैसले से हमें निराशा मिली है लेकिन हम इस मामले को लेकर अब प्रशासन के पास जाएंगे. जिला जज की अदालत ने जब प्रशासन को सील्ड एरिया के संरक्षण और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार माना है तो हम उन्हीं के पास जाएंगे. हिन्दू पक्ष से जुड़े याचिका कर्ताओं ने कहा कि इस मामले में जिला प्रशासन से भी हमें राहत नही मिलती तो हम इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे.

मुस्लिम पक्ष इस फैसले से गदगद

मुस्लिम पक्ष के वकील अकलाख अहमद ने टीवी 9 भारतवर्ष से कहा कि उन्हें खुशी है कि कोर्ट ने उनकी आपत्ति एडमिट की है. वह ये शुरू से कह रहे हैं कि इस मामले में जिसको भी राहत चहिए उनको सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर रोक लगा रखी है तो जिला अदालत में राहत के लिए याचिका डालने का कोई औचित्य नही है. मुस्लिम पक्ष के वकील अकलाख अहमद ने कहा कि हमने जिला जज महोदय को अपनी आशंका से भी रूबरू करा दिया था कि यदि एक बार जिला जज की अदालत से किसी भी तरह का फ़ैसला आता है तो फिर याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी. हमें खुशी है कि कोर्ट ने हमारी बात को एडमिट किया है.

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