Local & National News in Hindi

4 करोड़ वोटर नाम कटने पर सियासी घमासान! विपक्ष का आरोप- ‘ये सब गैर-BJP समर्थक’, क्या BJP को होगा नुकसान?

22

एसआईआर पर ओवर कॉन्फिडेंस ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. अपने वोटरों के नाम कटने की आशंका से बीजेपी में बेचैनी है. पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर सूबे के मुख्यमंत्री तक सार्वजनिक मंच से अपनी आशंका जाहिर कर रहे हैं. डेडलाइन पूरी होने में महज 10 दिन बचे हैं और अभी भी 15 से 20% मतदाताओं के एसआईआर फॉर्म जमा नहीं हुए हैं. सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से लेकर सभी विधायकों और मंत्रियों तक को युद्धस्तर पर ज़्यादा से ज़्यादा मतदाताओं के फॉर्म पूरे करा कर जमा कराने का निर्देश दिया है.

उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है. पहले 15.44 करोड़ मतदाताओं वाली सूची अब SIR के दौरान करीब 12 करोड़ तक सिमटती दिख रही है, जिससे लगभग 4 करोड़ नाम ‘गायब’ हो गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसे बीजेपी के लिए बड़ा झटका बताया.

उनका दावा है कि इनमें से 85-90% बीजेपी समर्थक हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों के. वहीं, विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है. यह प्रक्रिया मृतकों, डुप्लीकेट एंट्री, स्थानांतरित और अनुपस्थित वोटरों की सफाई का हिस्सा है लेकिन इसके पीछे की वजहें और प्रभाव 2027 विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकते हैं.

इस वजह से शहरी वोटर लिस्ट में आई भारी कमी

लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बनारस, गोरखपुर कानपुर, गोरखपुर, जैसे शहरों में दूसरे जिलों से आए लोग बस गए थे और वहीं के वोटर बन गए थे. SIR के बाद एक ही जगह वोटर आईडी का नियम सख्ती से लागू होने पर कई लोगों ने अपने मूल जिले स्थान पर SIR फॉर्म भरा, जिससे शहरी वोटर लिस्ट में भारी कमी आई है. शहरी क्षेत्र बीजेपी का मजबूत आधार माने जाते हैं, इसलिए यह कमी पार्टी के लिए बड़ा झटका बन रही है.

शहरी मतदाता SIR को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिखे, जबकि अगर फॉर्म सबमिट नहीं किया तो नाम सूची से कट जाता है. बीजेपी का मानना है कि समाजवादी पार्टी SIR को लेकर ज्यादा अलर्ट रही, जिससे उसके समर्थकों ने समय पर फॉर्म जमा कर दिए, जबकि बीजेपी कार्यकर्ता उतने सक्रिय नहीं रहे. संशोधन प्रक्रिया में मृतकों के नाम हटाए जा रहे हैं. डुप्लीकेट एंट्री साफ की जा रही है और डबल जगह वाले वोटरों का नाम एक ही स्थान पर रखा जा रहा है.

एक और महत्वपूर्ण वजह समुदायिक है. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम वोटरों ने नागरिकता संबंधी आशंकाओं और सरकारी योजनाओं के लाभ के चलते जल्दी फॉर्म सबमिट कर दिए, जबकि हिंदू समर्थकों में वैसी उत्सुकता नहीं रही. योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि बूथ स्तर पर सक्रिय होकर योग्य वोटरों के नाम जोड़वाएं, ताकि 2027 में नुकसान न हो. यह SIR सिर्फ सूची सफाई नहीं, बल्कि यूपी की राजनीति का नया मोड़ साबित हो सकता है.

क्या बोले थे सीएम योगी आदित्यनाथ?

  1. 14 दिसंबर को SIR को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिंतित दिखे थे. उन्होंने कहा था कि 4 करोड़ मतदाताओं का गैप है. इसमें 85-90% बीजेपी के समर्थक हैं. विरोधी बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम जोड़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश बीजेपी के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर विशेष जोर देते हुए चिंता जताई थी.
  2. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले चुनाव बूथ स्तर पर लड़े जाएंगे और SIR ही उसकी सबसे बड़ी धुरी है. नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को ‘यूपी का नया कप्तान’ बताते हुए योगी ने कार्यकर्ताओं को चेताया कि विरोधियों के पास ताकत नहीं है लेकिन उनके छद्म और छल का जवाब देने के लिए कार्यकर्ताओं में उतना ही शौर्य, साहस और तेज होना चाहिए.
  3. योगी ने SIR को बेहद अहम बताते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की क्षमता, पुरुषार्थ और परिश्रम पर कोई शक नहीं है, लेकिन कई बार उदारता और दूसरों पर विश्वास के कारण लापरवाही हो जाती है. SIR के दौरान अगर पूछा जाए तो अक्सर जवाब मिलता है कि हमारे यहां 98-99% या 100% काम हो गया लेकिन हकीकत यह नहीं होती.
  4. उन्होंने खुलासा किया कि एक जिले में विरोधियों ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम तक मतदाता सूची में दर्ज करवा दिए हैं. जहां बेटे की उम्र 20 साल, पिता की 30 साल और दादा की 40 साल दिखाई गई है. 10 साल की उम्र में किसी का बच्चा होगा क्या? नाम असम के गांवों से जुड़े हैं, यह सब फर्जी हैं.

4 करोड़ मतदाताओं का गैप, ज्यादातर बीजेपी समर्थक

सीएम ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 25 करोड़ है. इस हिसाब से 18 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 16 करोड़ होनी चाहिए. लेकिन SIR के बाद सूची में केवल 12 करोड़ नाम सामने आए हैं. जनवरी 2025 में मतदाता 15 करोड़ 44 लाख थे, जो जनवरी 2026 में और बढ़ने चाहिए थे लेकिन घटकर 12 करोड़ रह गए. 4 करोड़ का यह गैप मिसिंग है और इसमें 85 से 90 प्रतिशत बीजेपी के संभावित मतदाता हैं.

सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर बूथ से फर्जी नामों पर आपत्ति (फॉर्म-7) दर्ज कराई जाए और वास्तविक मतदाताओं के छूटे नाम हर हाल में जुड़वाए जाएं (फॉर्म-6). भारत निर्वाचन आयोग ने 14 दिन का अतिरिक्त समय दिया है, यानी अब केवल 12 दिन बाकी हैं. ड्राफ्ट सूची की नकल मिल रही है, गांव-गांव जाकर अवलोकन करें. कौन छूटा, कौन मृतक, कौन अनुपस्थित या शिफ्टेड है. विरोधी फर्जी नाम जोड़ रहे हैं, आपत्ति हर बूथ से दर्ज होनी चाहिए.

तीन-चौथाई मेहनत अभी, चुनाव में एक-चौथाई प्रयास काफी

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि चुनावी लड़ाई बूथ पर ही जीती जाती है, इसलिए बूथ सबसे मजबूत होना चाहिए. चुनाव की तीन-चौथाई मेहनत अभी SIR में करनी है. अगर यह मेहनत कर ली गई तो विधानसभा चुनाव में एक-चौथाई प्रयास से ही तीन-चौथाई सीटें जीती जा सकती हैं. फॉर्म नंबर-6 भरवाने में कोई कोताही न बरती जाए.

25 दिसंबर को पीएम मोदी का लखनऊ दौरा

योगी ने ऐलान किया कि 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का उद्घाटन होगा, जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल जी की 65-65 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित हैं, साथ ही डिजिटल संग्रहालय भी. पीएम नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे और बड़ी रैली को संबोधित करेंगे. कार्यकर्ताओं से अपील की कि SIR का काम पूरा करें, फिर अयोध्या में रामलला के दर्शन के साथ प्रेरणा स्थल भी दिखाया जाएगा.

सीएम के दावे पर अखिलेश का तंज

सीएम योगी के मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में मतदाताओं की संख्या में करीब चार करोड़ की कमी होने का दावे पर अखिलेश यादव ने तंज किया है. सपा अध्यक्ष ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री खुद कह रहे हैं कि जो 4 करोड़ मतदाता एसआईआर के दौरान वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं, उनमें से 85-90 प्रतिशत बीजेपी के वोटर हैं.

उन्होंने कहा कि इस बात का पहला मतलब तो ये हुआ कि पीडीए प्रहरी के चौकन्ने रहने से एसआईआर में भाजपाइयों का मनमाफ़िक़ जुगाड़ नहीं हो पाया. दूसरा ये हुआ कि वोटर लिस्ट में साक्ष्यों के अभाव में हटाए गए 85-90% वोटर बीजेपी के निकले, मतलब सारी गड़बड़ी बीजेपी के वोटर कर रहे थे.

2027 में रेस से बाहर हो जाएगी बीजेपी

उन्होंने कहा, इसका मतलब ये हुआ कि 3 करोड़ 40 लाख मतों को 403 सीटों से भाग दिया जाए तो प्रत्येक सीट पर बीजेपी को लगभग 84,000 वोटों का नुक़सान हो गया है, जो दरअसल जायज वोटर नहीं थे. इस गणित से ये निकला कि बीजेपी आगामी चुनाव में रेस से ही बाहर हो जाएगी और बीजेपी की हार का ये गणित और पीडीए की जीत का अंकगणित, आकांक्षा और अपनी पीडीए सरकार बनाने के लिए पीडीए की एकजुटता देखकर बीजेपी व उनके प्रत्यक्ष सहयोगी और साथ ही पिछले दरवाज़े से साथ निभाने वाले अन्य दलों से टिकट मांगने वाले प्रत्याशी या उम्मीदवार ही नहीं होंगे.

अखिलेश ने कहा, इससे एक बात और साफ हो गई है कि चुनाव आयोग द्वारा सत्ताधारी दल के नुकसान को देखकर ही 2 हफ्ते का समय बढ़ाया गया है, लेकिन पीडीए प्रहरी SIR में अब दोगुनी सजगता से काम करेंगे और किसी भी गड़बड़ी को नहीं होने देंगे. चुनाव आयोग के अधिकारियों से हर एक पीडीए प्रहरी कहेगा- तू जहां-जहां चलेगा मेरा साया साथ होगा.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.