भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाला आक्सीजन जनरेशन प्लांट रविवार से शुरू हो गया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, एम्स के प्रेसीडेंट डा. वायके गुप्ता की मौजूदगी प्लांट का शुभारंभ किया गया। इस दौरान एम्स के निदेशक डा. सरमन सिंह और अधीक्षक डा. मनीषा श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। कोल इंडिया के सहयोग से यह प्लांट लगाया गया है। इससे एक साथ करीब 100 मरीजों की आक्सीजन की जरूरत एक समय में पूरी का जा सकेगी। हालांकि, एम्स में पहले से ही तरल आक्सीजन के भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है। यहां तरल आक्सीजन की आपूर्ति के लिए अनुबंध भी है।
शुभारंभ के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में मध्य प्रदेश ही नहीं, पूरे देश ने आक्सीजन का संकट देखा है। अब सभी जगह वातावरण की आक्सीजन से मेडिकल आक्सीजन बनाने के लिए प्लांट लगाए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में 110 से ज्यादा प्लांट शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश आक्सीजन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो चुका है। यह प्लांट लगने के बाद एम्स में भी आक्सीजन की कमी नहीं आएगी। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान एम्स ने भी बिस्तर बढ़ाने से मना कर दिया था। इसकी वजह यह थी आक्सीजन की जरूरत के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही थी।
भोपाल में यहां शुरू हो चुके हैं प्लांट
एम्स के अलावा भोपाल में 10 आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जाने हैं। इनमें जेपी अस्पताल, कोलार, सिविल अस्पताल बैरागढ़, पीएचसी नजीराबाद के प्लांट शुरू हो गए हैं। हमीदिया और काटजू अस्पताल का प्लांट अभी शुरू होना है।
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