भागलपुर का यह थानेदार अपने थाने में चलाता है एक नया कानून.खून बहेगा तभी दर्ज करेंगे यह साहब एफ आई आर।

भागलपुर. यह कोई पहला मामला नहीं है कि बिहार पुलिस के होनहार थानेदार अपने थाने में नया कानून न चलाते हो, मामला फिर भागलपुर के यूनिवर्सिटी थानाक्षेत्र
इलाके के सामने आया है, जहां पीड़ता अपनी फरियाद लेकर थानेदार के पास शिकायत दर्ज कराने गई, तो कुर्सी पर बैठे रसूखदार ने यह कहकर उस महिला को वापस भेज दिया कि खून बहेगा तभी दर्ज होगा मामला, शायाद यह मामला थाने केम्पस के चारदीवारी यों के अंदर ही दब जाता,लेकिन पीड़िता ने इस पूरे प्रकरण का वीडियो फुटेज बना लिया, थानेदार के रवैया के बाद पीड़ता ने भागलपुर एसपी निताशा गुड़िया को घटनाक्रम की जानकारी दी, थानेदार से हुये बातचीत का वीडियो फुटेज एसपी को दिखाया, जिसके बाद मामले का संज्ञान लेते हुए एसपी के आदेश पर थानेदार ने प्राथमिकी दर्ज की,
मामला भागलपुर जिले के यूनिवर्सिटी थानाक्षेत्र, मोहल्ला साहेबगंज की रहने वाली राधिका का है, जो अपने पिता अरुण साह, भाई अमित कुमार और भौजाई तुलसी देवी के आतंक से परेशान है, और आज इसी परेशानी से तंग आकर उसने जिले की एसएसपी निताशा गुड़िया से गुहार लगाने पहुंची , 2014 में राधिका का विवाह इसके पिता ने पड़ोसी राज्य झारखंड के दुमका जिला, हंसडीहा निवासी निरंजन साह से कराया था, जो नशेड़ी निकला,बात – बात पर पत्नी की बर्बरता से पिटाई और गाली – गलौज मानो उसकी दिनचर्या थी, इस नियति से और लंबा साक्षात्कार करते रहना, जब पीड़िता सहने में सक्षम नहीं रही ,तो वह अपने दो बच्चों संग मैके चली आई,और जब तक मां का साया रहा, सब ठीक – ठाक रहा, लेकिन उसके गुजरते ही पिता एकदम से क्रूर हो उठा, और ऐसी बदसलूकी करने लगा, जिसे देख- सुनकर शर्म भी शर्मसार हो उठे, बहरहाल, पीड़ा जब हदें पार कर गई, तो वह शिकायत ले कर थाने पहुंची, जहां ड्यूटी पर तैनात अघिकारी ने यह कह कर उसे चलता कर दिया कि खून बहेगा, तब ही करेंगे मामला दर्ज ,निराश पीड़िता ने एसएसपी के दर पर दस्तक दी, तब कहीं जाकर तीन दिन बाद मामला दर्ज हुआ,हालांकि जिले के पुलिस कप्तान के आदेश पर मामला कागजों पर उतर आया है, लेकिन दर्ज शिकायत में पीड़िता के खून का एक कतरा भी नजर नहीं आ रहा, जिसके इंतज़ार में थाने के थानेदार अभी थाने में बैठे है, कि कब खून बहेगा और करवाई की जाये, अब देखना यह है कि क्या न्याय के लिए एक पीड़ित को लहूलुहान होना पड़ेगा या उसे कानून के रसूखदार, करवाई करेंगे।