गोपालगंज।गंडक नदी से सदर अनुमंडल के पांच प्रखंड क्षेत्र हमेशा से बाढ़ का दंश झेलता रहा है. लेकिन सरकारी कागज में चौकाने वाली तथ्य सामने आये है. आप हैरत में तब जायेंगे. जब आपको ये पता चलेगा कि अब भोरे प्रखंड भी बाढ़ग्रस्त इलाका हो गया है. तो आप क्या कहेंगे. आश्चर्य की बात ता यह है कि जिस प्रखंड से होकर तीन छोटी नदियां गुजरती हो, वहां बाढ़ से बचाव के लिए न सिर्फ 24 बांध ही बनाये गये, बल्कि बरसात से पूर्व उनका मरम्मति कार्य भी कराया जा रहा है. मनरेगा के तहत भोरे में 24 बांधों का मरम्मति कार्य किया जा रहा है. मनरेगा ने भोरे को अब बाढ़ग्रस्त क्षेत्र बना दिया है. हालांकि इस पूरे योजना की जानकारी बाढ़ नियंत्रण विभाग को भी नहीं है. उधर, मनरेगा के डीपीओ साहेब यादव ने कहा कि वाटलॉगिंग से बचाने के लिए मनरेगा से बांध बनाया गया हो सकता हे. इसकी जांच कर सच को सामने लाया जायेगा.
भोरे से गुजरती है तीन छोटी नदिया
प्रखंड क्षेत्र से होकर तीन प्रमुख नदियां गुजरती है. जिसमें एक स्याही नदी है. जिसमें सिफ बरसात के दिनों में ही पानी आता है. दूसरी प्रमुख नदी झरही है. जिसमें सालों भर पानी तो रहता है. लेकिन कभी बाढ़ की स्थिति नहीं बनती. तीसरी सोना नदी है. जिसका पानी तलहटी में ही रहता है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभिलेख में भी भोरे में कभी बाढ़ नहीं आयी और नहीं बाढ़ से बचाव के लिए कभी बांध बनाया गया.
नौ पंचायतों में बने 24 बांधों का हो रहा मरम्मति कार्य
प्रखंड की 17 में से नौ पंचायतों में 24 बांध बने हैं. बरसात से पहले इन्हें बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव कार्य दिखा कर मिट्टी भराई कार्य कराया जा रहा है. सभी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं. जब मनरेगा पोर्टल पर योजनाओं का अवलोकन किया गया. तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में ही प्रखंड क्षेत्र में 24 बांधों के मरम्मति का कार्य जारी है. प्रखंड की बगहवां मिश्र और हरदियां पंचायतों में 1-1, बनकटा जागीरदारी और रकबा में 2-2, कोरेयां, सिसई और लामीचौर में 3-3, डूमर नरेंद्र में 4 और सबसे अधिक छठियांव पंचायत में पांच बांध बाढ़ से बचाने के लिए बनाये गये हैं.
ऐसे हुआ में मरम्मति में 57 लाख का गड़बड़झाला
प्रखंड की 9 पंचायतों में बने 24 बांधों के मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बांधों की मरम्मती का कार्य किया जा रहा है. वे कभी बांध थे ही नहीं, इसमें से अधिकांश बांध पहले सड़क हुआ करते थे. उनके निर्माण का कार्यकाल पूरा नहीं होने के कारण उन्हें बांध दिखा कर उसकी मरम्मत कराई जा रही है. 24 बांधों की मरम्मत के लिए लगभग 57 लाख का खर्च किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इन्हें बांध बनाने के लिए इनका नाम भी बदल दिया गया था. आंकड़े बताते हैं कि सभी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं. जिन्हें पूरा करने के लिए कागजों में मजदूर काम भी कर रहे हैं. लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है.
जल जमाव से निजात के लिए कार्य कराया जा रहा : बीडीओ
बीडीओ सह पीओ संजय कुमार राय ने बताया कि फ्लड कंट्रोल में अतिवृष्टि आता है. जिसके कारण वाटर लॉगिंग हेाने के कारण फ्लड कंट्रोल के तहत कार्य कराया जा रहा है. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हो सकता है.
भोरे बाढ़ग्रस्त इलाका नहीं : विभाग
बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने बताया कि भोरे प्रखंड विभाग की रेकॉर्ड में कभी भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र नहीं रहा है. कभी बाढ़ नहीं आई. बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव को लेकर कोई योजना विभाग द्वारा संचालित नहीं किया गया है.
डीएम ने कहा योजनाओं की होगी जांच
प्रभारी डीएम अभिषेक रंजन ने बताया कि भोरे में बांध बनाने के नाम पर अगर गड़बड़ी की गयी है तो इसकी जांच करायी जायेगी. जांच में अगर गड़बड़ी पायी जाती है. तो इसमे लिप्त लोगों को ततकल कार्रवाई की जायेगी.
Kumar pardeep