
पटना। विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नीतीश कैबिनेट में पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री मुकेश सहनी (Minister Mukesh Sahani) अपने गांव के बूथ पर भी जदयू के उम्मीदवार (JDU Candidate) को जीत नहीं दिला पाए। उनका बूथ अफजला पंचायत के रतौली गांव में है। यह कुशेश्वरस्थान विधानसभा (KusheshwarSthan Assembly) में है। दरभंगा जिला के इस विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव के तहत 30 अक्टूबर को मतदान हुआ। दो नवंबर को परिणाम निकला। जदयू उम्मीदवार अमन भूषण हजारी की जीत हुई।
प्रचार में गए लेकिन नहीं डाला अपना वोट
खुद को सन आफ मल्लाह कहने वाले मुकेश सहनी ने जदयू उम्मीदवार की जीत के लिए प्रचार किया। वे नामांकन के दिन गए थे। बाद में प्रचार के लिए भी गए, लेकिन खुद वोट देने नहीं गए। उस दिन सहनी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) की तैयारी के सिलसिले में व्यस्त थे। अब उम्मीदवारों को मिले वोटों का हिसाब किया जा रहा है। पता यह चल रहा है कि सहनी की पंचायत अफजला के दो बूथों पर जदयू को राजद से कम वोट मिले। बूथ नंबर 31 पर जदयू को सिर्फ 55 वोट मिले। राजद के पक्ष में 480 लोगों ने वोट दिया। हालांकि, दूसरे बूथ (34) पर जदयू को पहले की तुलना में अधिक वोट तो मिले, लेकिन वह भी राजद से कम ही थे। उस बूथ पर जदयू को 130 और राजद को 191 वोट मिले। चुनावी हलफनामा के मुताबिक मुकेश सहनी बूथ नंबर 31 के वोटर हैं। दिलचस्प यह है वीआइपी के दरभंगा जिला इकाई के अध्यक्ष विनोद बंपर भी अफजला पंचायत के ही हैं। वे इस पंचायत के मुखिया भी रह चुके हैं।

चुनाव का अनुभव अच्छा नहीं
वैसे राज्य के चुनावों में मुकेश सहनी को कभी अच्छा अनुभव नहीं मिला है। वह महागठबंधन की ओर से 2019 में खगड़िया से लोकसभा का चुनाव लड़े। हार गए। पिछले साल के विधानसभा चुनाव में उन्होंने महागठबंधन के बदले राजग का सहारा लिया। उनके चार उम्मीदवार विधानसभा का चुनाव जीते। सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव हार गए। भाजपा ने उन्हें अपने कोटे से विधान परिषद का सदस्य बनाया। उसी आधार पर मंत्री बने हुए हैं।