
रिपोर्ट पांडव कुमार यादव
कहते हैं इंसान का मेहनत उसे किसी भी मुकाम पर पंहुचा ही देर हैं। इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखया है वीरेंद्र कुमार यादव ने। दरअसल वीरेंद्र में दरोगा बनने की ललक उनके चाचा ने मिली।
वीरेंद्र को इस सपना को पूरे करने में साथ दिया है उसी का छोटा भाई
दरअसल बीरेंद्र के पिता के पास कमाई का एक मात्र स्रोत खेती हैं । वो खेती करके पाई पाई जमा करके वीरेंद्र का सपना को पुरा करने में लगा दिए और वीरेंद्र की मेहनत इस सपना को पूरा करके दिखा दिया।

आपको बताते चले कि मधुबनी के बाबूबरही प्रखण्ड के औरही गांव में आज तक सिर्फ एक ही सरकारी नौकरी करने वाले आदमी थे । ऐसे में वीरेंदर यादव जी का दरोगा बन जाने में गाँव मे ऐसे ख़ुशी की लहर दौड़ी है मानो कोई पर्व सा आ गया है। गांव के बच्चो में पढ़ने और मेहनत करने में एक ललक सी आ गयी है। हर कोई वीरेंदर कुमार बनना चाहता है
गौरतलब है कि कुछ युवा अपने परिस्थितियों का हवाला देकर जहाँ पढ़ाई छोड़ देते हैं। वहीं वीरेंद्र ने अपनी कड़ी मेहनत से उन युवाओं को प्रेरित करने का काम किया है कि अगर सच्ची लगन से मेहनत की जाए तो कामयाबी अवश्य मिलती है।