
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि तिहाड़ जेल की हालत दयनीय है जो अपराधियों का अड्डा बन गई है और वहां हत्याएं हो रही हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जेल सुधारों पर तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया और दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना द्वारा दिए गए सुझावों पर उठाए गए कदमों को लेकर कार्य योजना और रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर गृह मंत्रालय के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की।
दिल्ली पुलिस ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि उसने रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक के जेल में बंद पूर्व प्रवर्तकों संजय और अजय चंद्रा के साथ मिलीभगत के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण कानून और भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत 37 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल में एक चौंकाने वाला तथ्य उजागर किया था कि उसने यहां एक ‘गुप्त भूमिगत कार्यालय’ का पर्दाफाश किया है, जिसे यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा द्वारा संचालित किया जा रहा था और पैरोल या जमानत पर उनके बेटों संजय और अजय ने वहां का दौरा किया था। अगस्त 2017 से जेल में बंद संजय और अजय दोनों पर फ्लैट खरीदारों के धन की हेराफेरी करने का आरोप है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि अस्थाना की रिपोर्ट में तिहाड़ जेल में सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल जैमर, बाडी स्कैनर लगाने और अन्य सुरक्षा उपाय करने की सिफारिश की गई है, लेकिन छह अक्टूबर के आदेश के अनुपालन पर उसके समक्ष गृह मंत्रालय द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं रखी गई है। पीठ ने कहा कि अस्थाना द्वारा दिए गए सुझावों पर अब तक उठाए गए कदमों के बारे में गृह मंत्रालय के संबंधित सचिव को तीन हफ्ते के भीतर एक कार्ययोजना और एक रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।’ पीठ ने कहा, ‘तत्काल और त्वरित कदम उठाएं और एक रिपोर्ट दायर करें।’