
नई दिल्ली। आम्रपाली (Amrapali) के घर खरीदने वालों के लिए काफी राहत भरी खबर है। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया गया कि लंबे समय से लटके आम्रपाली प्रोजेक्ट को गति देने के लिए छह बैंकों के समूह ने 1000 करोड़ रुपये जल्द उपलब्ध कराने को तैयार है। कोर्ट रिसीवर की सहायता से आम्रपाली के घर खरीदने वालों को दीपावली पर एक सादे समारोह में 150 फ्लैट की चाभी सौंपी गई
जस्टिस यूयू ललित और अजय रस्तोगी की पीठ को कोर्ट रिसीवर आर. वेंकटारमानी ने बताया कि कि छह बैंकों ने आम्रपाली प्रोजेक्ट के लिए 1000 करोड़ की फंडिंग के लिए हामी भरी है। इन बैंकों में यूको बैंक, बैंक आफ इंडिया और बैंक आफ बड़ौदा शामिल हैं। इसके लिए नवंबर के आखिर तक दस्तावेजों पर दस्तखत किए जाएंगे और दिसंबर से प्रोजेक्ट को फंड मिलने लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने रिसीवर से कहा कि इस प्रक्रिया में तेजी लाई जाए ताकि दिसंबर के पहले सप्ताह से लंबित काम शुरू हो सकें।
रिसीवर ने पीठ को बताया कि आम्रपाली के डायरेक्टरों के नाम वाले पांचों विला का मूल्यांकन कराया गया है। इनका मूल्यांकन कर लिया गया है। उन्हें बेचने के लिए उससे ज्यादा कीमत पर खरीदारों ने आवेदन दिया है। इस दौरान कोर्ट को डायरेक्टर की ओर से बताया गया कि प्रापर्टी में कुछ उनके परिजन रहते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया और कहा कि कोर्ट रिसीवर इन संपत्तियों को बेचने की कार्रवाई शुरू करें। नीलामी एमएसटीसी लिमिटेड के सहयोग से होगी।

घर खरीदने वालों की ओर पेश हुए वकील एमएल लाहोटी ने कहा कि 2019 के निर्णय के अनुसार डिफाल्टरों से धन की वसूली के लिए कोर्ट को उनके निवेदन पर विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि वह हर शनिवार को सुनवाई कर आम्रपाली मामले को निपटाना चाहती है। इस बीच, अदालत ने 10 जून, 2020 के आदेश को वापस लेने के लिए नोएडा द्वारा दायर आवेदन पर भी अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। इस आदेश द्वारा अदालत ने प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2010 से जिन बिल्डरों को भूमि आवंटित की गई थी उन पर लगाए गए ब्याज को कम कर दिया है।