प्रदूषण से हालात गंभीर होने पर दिल्ली सरकार का सुझाव, राजधानी के लाॅकडाउन जैसे प्रतिबंध NCR में भी हो लागू
नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर स्थिति बीते कुछ दिनों से काफी खबरा है। हालांकि हवा में प्रदूषण का स्तर पहले के मुकाबले कम जरूर हुआ है लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर पर आज पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों की बैठक हुई है। इस बैठक में सभी राज्यों ने अपनी-अपनी बातें रखी। दिल्ली की तरफ से बैठक में मौजूद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमने मांग रखी कि पूरे एनसीआर में दिल्ली के प्रतिबंध लागू किए जाएं। जैसे-वर्क फ्राॅम होम, औद्योगिक इकाइयाें और निर्माण कार्य पर रोक लगे
केंद्र सरकार की कार्ययोजना पर उठे सवाल
गोपाल राय ने कहा कि उम्मीद है केि इस बैठक के बाद जो संयुक्त कार्ययोजना निकलकर आएगी, उससे प्रदूषण को कम किया जा सके। आगे कहा कि कल दिन भर दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी पर चर्चा चलती रही। वहीं, केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में विरोधाभासी तथ्य सामने आए हैं। एक जगह पराली का शेयर चार प्रतिशत दिखाया गया जबकि दूसरी जगह 40 प्रतिशत। ऐसे में कार्ययोजना भी ठीक से नहीं बन पाएगी।
रेड लाइन आन गाड़ी आफ अभियान का दूसरा फेज 19 नवंबर से 3 दिसंबर तक
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सफर के मुताबिक चार नवंबर से 7 नवंबर तक ही यह प्रतिशत 25 से 48 तक दर्ज हुआ है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को चाहिए कि इस स्थिति को स्पष्ट किया जाए। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के काम को बताते हुए कहा कि रेड लाइट आन, गाड़ी आफ अभियान अभी 15 दिन और चलेगा। इसमें पहला फेज 18 नवंबर काे खत्म हो रहा है, इसलिए अब दूसरा फेज 19 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलेगा।