हितेश वर्मा।
स्थानीय थाने के शंकरपुर गांव निवासी एवं जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स में तैनात सुपरवाइजिंग ऑफिसर सुरेंद्र प्रसाद का निधन ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से हो गई। सुरेंद्र प्रसाद अरुणाचल प्रदेश के बल्लीप्रांग में पदस्थापित थे। 29 जून को उनका निधन ह्रदय गति रुकने से हुआ। शुक्रवार की सुबह जनरल रिजर्व इन चार्जिंग फोर्स के जवान एंबुलेंस से शव लेकर शंकरपुर गांव पहुंचे। शव पहुंचते ही गांव में मातम छा गया। पार्थिव शरीर के साथ पहुंचे एसएआई मुर्तुजा साईं एवं गोविंद चंद्र दास ने बताया कि हृदय गति रुकने की शिकायत पर उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मौत हो गई। शंकरपुर गांव के देवनंदन भगत के छोटे पुत्र सुरेंद्र प्रसाद का जन्म 15 मई 1967 को हुआ था। 4 अप्रैल 1986 को वे जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स में अपना योगदान दिए थे। 35 वर्ष के बेहतर सेवा काल में उन्हें प्रोन्नति भी मिली थी। शुक्रवार को पवित्र नारायणी नदी के डुमरियाघाट में राजकीय सम्मान एवं तोपों की सलामी के बाद अंत्येष्टि की गई। मुखाग्नि छोटे बेटे शैलेश कुमार पाल ने दी। अंत्येष्टि के दौरान बैकुंठपुर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार, एएसआई राधिका रमण प्रसाद, महम्मदपुर थानाध्यक्ष, बीडीओ अरविंद कुमार गुप्ता, अंचल पदाधिकारी सुनील कुमार के अलावे जिला पुलिस बल एवं बीएमपी के जवान शामिल थे। सुरेंद्र प्रसाद के पार्थिव शरीर को अंत्येष्टि से पहले तिरंगा लगाकर राजकीय सम्मान दिया गया। तिरंगे से लिपटे शव को देखने के लिए आसपास के कई गांवों के लोग उमड़ पड़े थे। अंत्येष्टि के दौरान डुमरियाघाट में भी सैकड़ों लोगों की भीड़ मौजूद थी। सभी लोगों ने सपूत सुरेंद्र प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त किया।