बिहार के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना पर सरकार का बड़ा फैसला, 19 लाख बच्चों को मिलेगा लाभ

पटना। कोरोना महामारी के कारण बिहार के 70,333 प्रारंभिक विद्यालयों में बंद मध्याह्न भोजन योजना फिर शुरू होगी। अगले माह से पहली से आठवीं कक्षा तक के एक करोड़ 19 लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसने की तैयारी चल रही है। इसके क्रियान्वयन में दो लाख 32 हजार रसोइयों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा। इसके लिए मध्याह्न भोजन निदेशालय की ओर से एक प्रस्ताव भी आपदा प्रबंधन समूह को भेजा जाएगा।
दो हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना
मिली जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में मध्याह्न भोजन पर कुल 2262 करोड़ रुपये खर्च का प्रविधान है। इसमें केंद्रांश के तौर पर 1426 करोड़ रुपये बिहार को मिलेंगे। राज्यांश के रूप में 835 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कोरोना काल में बच्चों को चावल और मध्याह्न भोजन मद में खर्च होने वाली राशि दी जा रही है, लेकिन अगले माह जिस दिन से बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलेगा, उसके बाद अनाज देने और राशि के भुगतान की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। रसोइया को हर माह 1650 रुपये का मानदेय भुगतान भी हो रहा है।

- बिहार में अगले माह से 70,333 विद्यालयों में बंटेगा मध्याह्न भोजन
- पहली से आठवीं कक्षा तक के एक करोड़ 19 लाख बच्चे होंगे लाभान्वित
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना
यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना का नाम बदल दिया है। इसे केंद्र ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना का नाम दिया है। यह योजना वित्तीय प्रबंधन की नई व्यवस्था के तहत लागू हो रही है। नई व्यवस्था सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) की है। यह पूरी व्यवस्था कैशलेस होगी।