
नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ कोई ना कोई विवाद जुड़ता ही रहता है। आइसीसी टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल की हार को भुलाकर बांग्लादेश के दौरे पर पहुंची टीम के साथ यहां एक विवाद जुड़ गया। दरअसल टीम ने ढाका में प्रैक्टिस के दौरान अपने देश का झंडा लहराया और उसके लगाकर प्रैक्टिस की जो बांग्लादेश के लोगों को पसंद नहीं आया।
पाकिस्तान की टीम मीरपुर में तीन मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच खेलने की तैयारी में जुटी है। रमीज रजा के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व स्पिनर सकलैन मुश्ताक को पाकिस्तान टीम का अंतरिम कोच बनाया गया। टीम इनकी कोचिंग में टी20 विश्व कप में खेलने उतरी। यहां टीम ने प्रैक्टिस के दौरान देश का झंडा लगाने की शुरुआत की थी। इसी क्रम में अब टीम बांग्लादेश में भी इसी तरह से झंडा लगाकर प्रैक्टिस कर रही है। इसी चीज को लेकर इन दिनों बांग्लादेश में विवाद हो रहा है।

पाकिस्तान के टीम ने मीरपुर में नेट्स में देश का झंडा लगाकर प्रैक्टिस किया तो सोशल मीडिया पर इसको लेकर आपत्ति जताई गई। एक फेसबुक यूजर ने लिखा, आज से पहले किसी भी देश ने इस तरह से बांग्लादेश के दौरे पर नहीं किया। यूं क्रिकेट के मैदान पर देश का झंडा लगाने का मतलब क्या है। आप इसके जरिए क्या संदेश देना चाहते हैं।
इस बात के विवाद में आने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की तरफ से बताय गया कि पिछले दो महीनों से टीम इसी तरह से प्रैक्टिस कर रही है। हालांकि इस को लेकर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की तरफ से अब तक से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
टीम के कोच मैनेजर इब्राहिम बदिजी ने बीबीसी बांग्ला सर्विस के इस बारे में बात करते हुए बताया, यह पाकिस्तान के कोच सकलैन मुश्ताक द्वारा टीम के खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए इस चीज को करना शुरू किया है
वैसे आपको बता दें कि पाकिस्तान की टीम ने आइसीसी टी20 विश्व कप के दौरान भी इसी तरह से देश का झंडा लगाकर प्रैक्टिस की थी। आइसीसी के टू्र्नामेंट और द्विपक्षीय सीरीज के दौरान टूर्नामेंट या सीरीज खेल रही टीम का झंडा लगा रहता है। इसे लहराने या लगाने पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है।