मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो चुका है चुनाव की तैयारियां जोरों पर है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 साल के कार्यकाल का ब्यौरा लिए भाजपा सरकार की योजनाओं को आमजन के बीच लेकर जाने की तैयारी में हैं इसके लिए प्रभारी भी नियुक्त हो चुके हैं इधर कांग्रेस भी चुनावी मोड के लिए तैयार हैं लेकिन जनता के बीच मूलभूत सुविधाओं के आधार पर सरकार की कमियों को उजागर करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा और कांग्रेस के एक दूसरे पर प्रत्यारोप चुनाव नजदीक आने के संकेत दे रहे हैं । किसी भी दिन तारीखों का ऐलान हो सकता है । इससे पहले ही आचार संहिता का डर भी सताने लगा है । ऐसे में सत्ता पक्ष नई योजनाओं को लागू करने में लग चुका है । भूमि पूजन किए जा रहे हैं वर्चुअल बैठक हो रही है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक मोदी के 8 साल के सुशासन को जनता के बीच ले जाने की भाजपा तैयारी कर चुकी है। प्रदेश प्रभारी जीतू जिराती बने हैं । इधर बढ़ती महंगाई और मूलभूत सुविधाओं को लेकर कांग्रेस मैदान संभाल चुकी हैं। इंदौर में जल संकट गहराया है। इस बीच नगर निगम के टैंकर माफियाओं का भी खुलासा हो चुका है । दावे पानी आपूर्ति के किए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि अब भी कई लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं। इसी तरह की मूलभूत समस्याओं को लेकर कांग्रेस से पार्षद की दावेदारी कर रहे कई युवा चेहरे समस्याओं का हल करने पर लगे हैं। वहीं सरकार की कमियों को भी जनता तक पहुंचा रहे हैं। भाजपा में टिकट पद की रेवड़ी के बाद कई दावेदार घर बैठ चुके हैं तो कहीं अब भी अपने नेता के चक्कर लगा रहे हैं। इधर कांग्रेस में पट्ठा वाद के चलते कई घर बैठ चुके है, चुनाव से परहेज कर रहे है। विधायक संजय शुक्ला के करीबी अपना टिकट तय मान रहे हैं।
निगम की मनमानी पर जनता आक्रोश में
नगर निगम की कार्रवाईयों को लेकर शहर की जनता आक्रोशित है जिनके घर दुकान, गुमटी, ठेले जप्त किए गए हैं उन्हें कांग्रेसी साधने में लगे हैं शहर के करीब 80 से अधिक वार्ड में इस तरह की समस्या बरकरार है। हर तरफ निगम से पीड़ित मौजूद है जो पीड़ित नहीं भी है वह भी नगर निगम की कार्रवाई से भयभीत है। ऐसे में भाजपा को निगम चुनाव में झटका लग सकता है।