पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली गए हैं। बताया जाता है कि सीएम नीतीश कुमार दिल्ली में अपनी आंख की जांच कराएंगे इसके बाद शुक्रवार को वे पटना लौट आएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य जांच को लेकर दिल्ली जाने पर सूबे के विपक्षी दल लगाता तंज कस रहे हैं। जमुई सांसद चिराग पासवान के बाद अब कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा है कि बिहार स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। इसके साथ ही कांगेस नेता ने शराबबंदी को लेकर बिहार सरकार को सुझाव दिया।
‘बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल’
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। कोरोना काल में सूबे के क्या हालात थे ये सबको पता है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार में डॉक्टर्स नहीं हैं तभी तो सीएम इलाज कराने दिल्ली जा रहे हैं। बिहार की जनता के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था के ठीक होगा तो सबका यहां इलाज हो जाएगा।
कांग्रेस ने दिया नया फार्मूला
शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 नवंबर को समीक्षा बैठक की थी। इस पर कांग्रेस विधायक ने कहा कि प्रशासन के तंत्र बिल्कुल फेल हैं। अन्य राज्यों से बिहार में शराब आती है और सूबे के गांव गांव में शराब बिक रही है। अजीत शर्मा ने कहा कि सरकार को शराबबंदी से राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार शराब की कीमत तीन गुना ज्यादा कर दे तो लोग ऐसे ही शराब नहीं पीएंगे। अगर पैसे वाले पीएंगे तो उससे जो राजस्व आएगा, उस पैसो से जिलों में कारखाने खोलकर युवकों को रोजगार दिया जाए।
‘पूरे देश में लागू हो शराबबंदी’
कांग्रेस विधायक ने यह मांग की है कि, बिहार में एनडीए की सरकार है। ऐसे में बिहार सरकार को केन्द्र सरकार से ये मांग करनी चाहिए की कि पूरे देश में शराबबंदी कानून लागू कर दी जाए। अगर ऐसा हो जाएगा तो बिहार में शराब आएगी ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शराबबंदी के नाम पर बिहार में लूट मची है। चौकीदार और थानेदार पर तो पहले भी कार्रवाई होती ही थी। अगर जिले में शराब पकड़ी जाती है तो सरकार को डीएम पर एक्शन लेना चाहिए।