
पटना। सुबे की नीतीश सरकार में अब विपक्ष नहीं वल्कि नीतीश कैबिनेट के मंत्री ही, बिहार में अफसरशाही को लेकर नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है,
अफसरों की मनमानी से त्रस्त होकर बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे का ऐलान दो दिन पूर्व क्या कर दिया, बिहार की नीतीश सरकार में एक के बाद एक मंत्री अपनी दुख पीड़ा को लेकर सामने आने लगे,मदन सहनी ने तो इतना तक कह दिया कि नीतीश कुमार की सरकार में मंत्रियों का कोई वजूद नहीं। कोई भी अधिकारी मंत्रियों की बात नहीं सुनता है।
सीएम नीतीश के प्रधान सचिव फोन तक नहीं उठाते हैं। मदन सहनी अकेले ऐसे मंत्री नहीं बल्कि कई मंत्री अफसरशाही से त्रस्त हैं।नीतीश कैबिनेट के एक और मंत्री ने सुशासन राज में अफसरशाही की कलई खोलकर रख दी। बिहार के एक मंत्री ने कहा कि अधिकारियों का कॉकस है। उन्हें इगो प्रॉब्लेम है,मंत्रियों का फोन नहीं उठाते। लगता है उन्हें समझ ही नहीं है कि अफसर बड़ा नहीं बल्कि मंत्री बड़ा होता है
बीजेपी कोटे से पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने भी बिहार में सुशासन राज की अफशरशाही पर बड़ा चोट किया है। उन्होंने कहा कि यह कहने में कोई संकोच नहीं कि कुछ पदाधिकारी हैं जो मनमानी करते हैं। ऐसे में मंत्रियों को काम करने में कठिनाई होती है। कुछ ऐसे पदाधिकारी हैं जो मनमाना करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अफसरशाही से सुशासन की छवि पर बट्टा लगा है। रामप्रीत पासवना ने आगे कहा कि बिहार में अफसरों का कॉकस है।

वे अफसर मंत्रियों का फोन तक नहीं उठाते। हमलोग अगर फोन नहीं उठाते हैं तो कॉल बैक करते हैं लेकिन वे अफसर तो फोन कॉलबैक भी नहीं करते। उन्हें इगो प्रॉब्लेम है कि हम अफसर हैं। लेकिन शायद उन्हें पता नहीं कि लोकतंत्र में अफसर नहीं बल्कि मंत्री बड़ा होता है।मंत्री मदन सहनी के इश्यू पर पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मिलेंगे तो सब ठीक हो जाएगा। मंत्री जी को कष्ट हुआ है. कुछ पदाधिकारी ऐसे हैं जो गड़बड़ करते हैं.लेकिन सारे अफसर खराब हैं यह बात नहीं है। सब के साथ ऐसा नहीं है। कहीं न कहीं समन्वय की कमी होती है तो लगता है कि काम नहीं हो पा रहा।