
इंदौर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करके हर किसी को हैरान कर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में आंदोलन खत्म कर किसानों को घर लौटने की अपील की है। पीएम मोदी के इस फैसले को लेकर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि 7 सौ किसानों के दम तोड़ने, 1 साल के संघर्ष सारी राजनीतिक, आम जन से लेकर सारे किसान परिवारों के विरोध के बाद नरेंद्र मोदी जी को सद्बुद्धि आई और आज उन्होंने कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं।
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों को कभी उग्रवादी, कभी आतंकवादी कहा गया। मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा सरकार का महिमामडंन किया। सच तो यह है कि मोदी सरकार ने जो भी निर्णय लिए वो जिद्द में आकर लिए हैं। चाहे वह नोटबंदी हो, बढ़ती हुई महंगाई का हो या आर्थिक व्यवस्था को लेकर किए निर्णय हो सरकार हर स्तर पर फेल हुई है। लेकिन मीडिया ने हमेशा उनका गुणगान किया है। लेकिन सच्चाई की जीत होती है। जैसे कि राहुल गांधी ने हमेशा कहा कि चाहे जो हो जाए एक दिन सच हमेशा जीतता है। सरकार ने माना कि यह काले कानून है। हमने अलोकतांत्रिक तरीके से लागू किए थे इसलिए ये कानून वापस ले लिए।