
नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबााद। दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर बैठे किसान आखिर कब धरना प्रदर्शन खत्म करेंगे, इसको लेकर शनिवार को दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक आयोजित की गई है। इसमें तय होगा कि आंदोलन खत्म किया जाएगा या फिर इसे जारी रखा जाएगा। बता दें कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पिछले सप्ताह ही तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है, जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा पर आंदोलन खत्म करने का नैतिक दबाव भी है, क्योंकि इससे दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोग रोजाना प्रभावित हो रहे हैं।
राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार कहा कि पिछले एक साल के दौरान किसानों ने कुछ नहीं खोया है बल्कि एकजुटता पाई है। उन्होंने कहा कि घर पर रहकर आंदोलन कैसे चलता है, वैचारिक रूप कैसे आंदोलन चलता है, ये सब हमने एक साल में सीखा है. राकेश टिकैत ने कहा कि सभी उत्पाद आधे दाम पर बिक रहे हैं तो हमारी जीत कहां. हमें तो एमएसपी पर गारंट चाहिए।
बढ़ेगी सुरक्षा

यूपी गेट को सात जोन और 12 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा-व्यवस्था की गई है। 150 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। खुफिया विभाग को सतर्क कर दिया गया है। राजीव सभरवाल और प्रवीण कुमार ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिया है।
अशु वर्मा ने लिखा पत्र
पूर्व मेयर अशु वर्मा बृहस्पतिवार को यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। उन्हें राकेश टिकैत के नाम पत्र सौंपा। उसमें लिखा कि देश के मामलों का हल हम निकाल लेंगे। इसमें किसी विदेशी सहायता की जरूरत नहीं है।
परेशान हो रहे लोग खोलेंगे मोर्चा
कृषि विरोधी प्रदर्शन की वजह से यूपी गेट से दिल्ली जाने वाले रास्ते बंद है। इससे परेशान लोगों ने 28 नवंबर को रास्ता खोलो आंदोलन करने का एलान किया है। फेडरेशन आफ एओए के बैनर तले होने वाले आंदोलन में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। सुबह 11 बजे आम्रपाली विलेज सोसायटी के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ पर लोग एकत्रित होंगे। दिल्ली से आने वाले रास्ते से यूपी गेट की ओर पैदल जाएंगे। प्रदर्शनकारियों को अपनी समस्या से अवगत कराकर रास्ता खोलने की मांग करेंगे।
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