मुंबई: MVA के तीनों दलों के प्रमुख आज होने वाली बैठक को संबोधित करेंगे।महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महाविकास अघाड़ी(MVA) नेताओं की मुंबई के ट्राइडेंट होटल में जारी बैठक खत्म हो गई है। तकरीबन 50 मिनट तक चली बैठक में सीएम उद्वव ठाकरे, एनसीपी चीफ शरद पवार, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, HK पाटिल और MVA के विधायक मौजूद थे। आज की मीटिंग के लिए 29 निर्दलीय और छोटी पार्टियों को भी आमंत्रण भेजा गया था।रणनीति के लिए मीटिंग तक तो मामला ठीक था, लेकिन सरकार में सहयोगी समाजवादी पार्टी ने इसका बहिष्कार किया है। वहीं सरकार को बाहर से सहयोग करने वाली AIMIM ने अभी तक अपनी स्थिति साफ नहीं की है। आज की मीटिंग में कुल 11 निर्दलीय विधायक पहुंचे थे। इनमें आशिष जैसवाल, किशोर जोरगेवर, देवेंद्र भुयार, गीता जैन, मंजुला गावित, श्यामसुंदर शिंदे, नरेंद्र भोंडेकर, संजय मामा शिंदे, चंद्रकांत पाटील, विनोद निकोले और विनोद अग्रवाल शामिल थे। यानी इन विधायकों का समर्थन महाविकास अघाड़ी के साथ माना जा रहा है।निर्दलीयों को संभालना सबसे बड़ी चुनौतीसरकार का साथ दे रहे निर्दलीय भी अलग-अलग मंचों पर सरकार के कामों में खामियां निकालते रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि भाजपा की नजर इन निर्दलियों पर ही है। सोमवार को विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कुछ निर्दलीय विधायकों से मुलाकात की है और कुछ से उन्होंने फोन पर भी बात की है। हालांकि, CM कार्यालय ने भी इन्हें फोन किया गया और अपने पक्ष में मतदान के लिए कहा गया है।शिवसेना के सभी विधायक मलाड के एक रिसॉर्ट में देर रात से रुके हुए हैं।आज शाम की बैठक पर टिकी हैं सबकी नजरेंआज शाम मुंबई में होने वाली बैठक के दौरान तीनों बड़े दलों यानी शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी नेताओं का संबोधन भी होना है। अब देखना होगा कि इस बैठक में छोटे दलों में पार्टी के कौन से नेता आते हैं और कौन नहीं? माना जा रहा है कि इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।शिवसेना ने सभी विधायकों को रिसॉर्ट में कैद कियाइस बीच राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर विधायकों की खरीद-फरोख्त के डर से शिवसेना ने अपने विधायकों को एक साथ रखने के मकसद से मलाड के एक रिसॉर्ट में ठराया है। यहां मौजूद विधायकों को पांच दिनों तक यहां रखने का कार्यक्रम है। पार्टी इसे रूटीन प्रक्रिया बता रही है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मांना है कि इसके पीछे का मकसद ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ को रोकना है।समाजवादी पार्टी इसलिए है नाराजसपा के दो विधायकों के वोट गठबंधन के लिए काफी अहम हैं। हालांकि, चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के मुंबई अध्यक्ष अबू आजमी ने MVA सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए एक पत्र लिखा है। आजमी ने पत्र में सीएम उद्धव ठाकरे पर अल्पसंख्यक समुदाय की मांगों की अनदेखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा,’MVA के ढाई साल होने के बावजूद राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। MVA सरकार सेक्युलर है, या फिर अघाड़ी का चेहरा नए हिंदुत्व का है, जिसकी बात उद्धव ठाकरे जी आज कल बार-बार कर रहे हैं।’कौन-कौन हैं चुनावी मैदान में?भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन उम्मीदवारों केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महाडीक को जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रफुल्ल पटेल को उम्मीदवार बनाया है। शिवसेना की ओर से संजय राउत और संजय पवार उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट दिया है। यानी चार उम्मीदवार सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) और तीन उम्मीदवार भाजपा से हैं। महाराष्ट्र से राज्यसभा की छठी सीट के लिए अब शिवसेना और भाजपा के बीच मुकाबला होगा।29 विधायक हो सकते हैं गेम चेंजर288 सदस्यीय विधानसभा में 287 विधायक (मतदाता) हैं। शिवसेना, एनसीपी-कांग्रेस महाविकास अघाड़ी के 152 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी बेंच पर बैठी बीजेपी के 106 सदस्य हैं। छठवीं सीट के लिए महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच तगड़ा मुकाबला है। यहां जीत की चाबी 29 विधायकों के हाथ में हैं। इनमें 13 निर्दलीय हैं और 16 विधायक छोटे दलों से आते हैं। दोनों पार्टियां अलग-अलग तरीके से दांव खेल कर इन्हें अपनी ओर लाने का प्रयास कर रहीं हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो कइयों को केंद्रीय जांच एजेंसी का भी डर दिखाया गया है।आज शाम होने वाली मीटिंग में सीएम उद्धव और एनसीपी चीफ शरद पवार आगे की रणनीति पर चर्चा करने वाले हैं।छठवीं सीट के लिए बीजेपी को 13 वोटों की जरूरतमहाराष्ट्र विधानसभा के आंकड़े के लिहाज से राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए करीब 42 वोट की जरूरत होती है। मौजूदा समीकरण को देखें तो बीजेपी की विधानसभा में 106 सीटें हैं। ऐसे में वो 2 सीटों पर आसानी से जीत सकती है। इसके अलावा, पार्टी के पास 22 वोट अतरिक्त बच रहे हैं, जिसके चलते उसे अपने तीसरे कैंडिडेड को जिताने के लिए 7 निर्दलीयों ने भी समर्थन देने का भरोसा दिया है। इनमें वडनेर से विधायक रवि राणा भी शामिल हैं। इन्हें जोड़ने के बावजूद अभी जीत के लिए पार्टी को 13 वोटों की और जरूरत है। ऐसे में बीजेपी की नजर छोटे दलों के विधायकों पर है।शिवसेना को छठवीं सीट पर जीतने के लिए चाहिए 15 वोटशिवसेना के पास विधानसभा में अपनी पार्टी के 55, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के कुल 44 विधायक हैं। गठबंधन के तीनों दल एक-एक सीट आसानी से जीत रहे हैं। इसके बाद शिवसेना के 13, एनसीपी के 12 और कांग्रेस के 2 वोट अतरिक्त बचते हैं। इस तरह से कुल 27 वोट गठबंधन के पास है, लेकिन जीत के लिए उन्हें अभी भी 15 वोटों की और जरूरत है। इसलिए वे भी निर्दलियों और छोटे दलों पर नजर रखे हुए हैं।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.
Breaking
जिस बॉलीवुड एक्ट्रेस पर मेकर्स ने खेला 725 करोड़ का दांव, अब प्रभास की ये बड़ी फिल्म मिल गई!
थप्पड़, लात-घूंसे…हार्दिक पंड्या का नाम लिया और LIVE मैच में हो गया बड़ा बवाल
SBI से लेकर केनरा बैंक तक, LIC ने 16 सरकारी कंपनियों में क्यों घटाई अपनी हिस्सेदारी?
WhatsApp: अब नॉर्मल काल की तरह डायल कर सकेंगे अनजान नंबर, जल्द रोलआउट होगा ये फीचर
अक्षय तृतीया पर पूजा के समय सुनें ये कथा, जीवन में बाधाओं से मिलेगी मुक्ति!
न मिसाइल-न ड्रोन…निहत्थों से घबरा गया इजराइल! याद करने लगा दशकों पुराने जख्म
उज्जैन सीट से कांग्रेस उम्मीदवार की नामांकन रैली में शामिल हुए सचिन पायलट
बीएड,एमएड में दाखिला के लिए आनलाइन पंजीयन पांच से
लिखित में विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले छात्र प्रायोगिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण
आठ लाख से ज्यादा बैंक पेंशनर्स स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित