जयपुर: एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की टीम, जिनके साथ वह महिला जिसका सफल इलाज किया गया।राजस्थान में पहली बार स्टीरियोटैक्टिक बॉडी रेडिया थैरेपी (SBRT) से कैंसर का सफल इलाज किया गया। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में किया गया इस तरह का इलाज राज्य के किसी भी सरकारी हॉस्पिटल या सरकारी मेडिकल कॉलेज में अब तक नहीं किया। इस इलाज में न तो मरीज का ऑपरेशन किया और न ही कीमोथैरेपी दी गई। मरीज को 5 दिन में इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। सबसे बड़ी बात ये रही कि इस इलाज के लिए मरीज को न तो भर्ती होना पड़ा और न ही उसका कोई पैसा लगा।एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. राजीव बगरहट्टा ने बताया कि अमूमन इस तकनीक से इलाज करवाने में किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल में 2 लाख रुपए या उससे ज्यादा की रकम खर्च होती है, लेकिन एसएमएस में ये बिल्कुल फ्री किया गया है। उन्होंने कहा कि इस सफल इलाज के बाद अब आगे दूसरे मरीजों के लिए रास्ते खुल गए हैं। जिनके लीवर, लंग्स, प्रोस्टेट या स्पाइन में ट्यूमर कैंसर हो और वह पहली या दूसरी स्टेज तक हमारे पास आता है। उन्होंने बताया कि इस पूरे इलाज के दौरान डॉ. आर.एस. गोटवाल, डॉ. मीतू जैन, डॉ. मुकेश सांकरिया, डॉ. दीपेश, डॉ. नरेश. डॉ. हर्षा सहित अन्य टीम के सदस्य साथ थे।15 दिन देनी पड़ी थी ट्रेनिंगएसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेडिया थैरेपी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर और यूनिट हैड डॉ. संदीप जैन ने बताया कि अजमेर निवासी चम्पा देवी (48) को साल 2016 में ब्रेस्ट कैंसर डिटेक्ट हुआ था। उसके बाद महिला ने किसी निजी हॉस्पिटल में उसका इलाज करवाया और कीमोथैरेपी ली। इलाज के बाद महिला का ब्रेस्ट कैंसर तो ठीक हो गया, लेकिन बाद में लंग्स में फैल गई और वहां एक ट्यूमर बन गया। हमारे पास जब महिला आई तो वह 2-3 तीसरी स्टेज के बीच थी। इसके बाद हमने महिला को सर्जरी और रेडियोथैरेपी का ऑप्शन दिया। महिला के परिजनों ने रेडियो थैरेपी करवाने का निर्णय लिया। इस थैरेपी को करने से पहले महिला को 15 दिन की ब्रीथ कंट्रोल (सांस रोकने) की ट्रेनिंग दी, जिसे एक्टिव ब्रिथिंग कंट्रोल (ABC) कहते है, ताकि रेडियेशन डोज देने के दौरान मरीज का शरीर बिल्कुल स्थित रहे उसमें हल्का भी मूवमेंट न हो।5 दिन सिटिंग के बाद 95 फीसदी तक ट्यूमर ठीकडॉ. जैन ने बताया कि SBRT तकनीक से लीनियर मशीन के जरिए एडवांस तरीके से रेडियेशन की हाईडोज दी गई। 5 सिटिंग के दौरान मरीज को दी गई इस डोज से उसके ट्यूमर को 95 फीसदी तक ठीक कर दिया, जो कि सर्जरी करने के बाद भी इतना ही ठीक होता है। उन्होंने बताया कि महिला अब पूरी तरह ठीक है और वह सामान्य जीवन जी रही है।
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