
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्यसभा के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलम्बित किए जाने के विरोध में संसद परिसर में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी धरना-प्रदर्शन किया और कहा कि मोदी सरकार डरपोक है इसलिए वह किसी के साथ न्याय नहीं कर सकती। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार संसद में विपक्ष के सवालों से डरती है इसलिए वह किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने से भागती है। उनका कहना था कि कृषि कानून को निरस्त करने के प्रस्ताव पर सरकार ने चर्चा से बचने के लिए संसद नहीं चलने देने पर राज्यसभा में विपक्ष के 12 सांसदों को निलम्बित कर दिया।
गांधी ने सरकार पर संसद में चर्चा करने से बचने का आरोप लगाते हुए कहा ट्वीट किया ‘‘सवालों से डर, सत्य से डर, साहस से डरज्जो सरकार डरे, वो अन्याय ही करे।” संसद परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बैठककर श्री गांधी के नेतृत्व में धरना दे रहे अन्य सांसदों में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, के सी वेणुगोपाल, के सुरेश सहित कई सांसद मौजूद थे। ये सभी सांसद हाथों में तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। इस बीच सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी सदस्यों के हंगामे के चलते राज्य सभा की कारर्वाई दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण” करने के आरोप में वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए निलंबित कर दिया गया। राज्य सभा के सभापति ने निलंबन वापस लेने की विपक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया है। निलंबित सदस्यों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामरम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनय बिस्वम शामिल हैं।