Sunami express.
Kumar pradeep.
भोरे हर वर्ष की भांति इस साल भी सावन के पावन महीने में भोरे प्रखंड के अमही में विख्यात कलना बाबा मंदिर परिसर में श्रीरामचरितमानस का संपूर्ण पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन, संचालक दिनेश चंद्र मिश्रा सहित ग्रामीणों के द्वारा किया गया। बाबा का मंदिर बिहार के अन्य जिलों में भी अपने नाम से विख्यात है, लेकिन कलमकारो ने कभी भी प्रमुखता के साथ परिदृश्य को दिखाया ही नहीं,
आखिर कौन थे ठाकुर शुक्ल, जिन्होंने 8 साल की उम्र में ही सत्य की खोज को लेकर, अपने परिवार का कर दिया था परित्याग
उल्लेखनीय है कि श्री श्री 108 परमहंस बाबा का जन्म 1901 ई. में गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के
अमही गांव में हुआ था। बाल्यावस्था से ही परिजनों को उनके रहन-सहन बोलचाल में विलक्षण शक्ति होने का आभास होने लगा था। 1909ई.में ठाकुर शुक्ला ने अपने घर का परित्याग कर दिया और वह सीधा भर्मण करते हुए बिहार के मधुबनी पहुंच गए, मधुबनी जिले के बासोपट्टी प्रखंड स्थित काल भैरव मंदिर में वह् भक्ति लीन हो गए
उसके बाद उन्होंने सत्य की खोज में हिमालय के तराइयों में कठिन तपस्या कर सब सत् को आत्मसात किया। बाबा उच्चकोटि के चिंतक लोकोपकारी संत महापुरुष थे। मधुबनी में प्रवास के दौरान अनेक चमत्कारी कार्यों से दीन एवं असहाय लोगों के कष्टों को दूर किया। इस कार्य को देख काल भैरव मंदिर के द्वारा आकाशवाणी कर ठाकुर शुक्ल को श्री श्री 108 परमहंस महाराज के नाम की उपाधि दी गई,
बेटे की खोज में बूढी माँ ने भी कर दिया था परित्याग,
पति के निधन के बाद पुत्री को जिम्मेदारियों का भार सौप
30 वर्ष बाद अपने बेटे की खोज में निकल गई, बिहार सहित भारत के कई धार्मिक स्थानों पर उन्होंने अपने पुत्र की खोजबीन की जिसमें कई साल गुजर गए, लेकिन माँ गिरजा ने कभी हार नहीं माना, आखिरकार बिहार के मधुबनी में स्थित कल्याणस्वर मंदिर में अपने पुत्र
को भक्ति में लीन देख माता ने की आस्था को स्वीकार कर लिया,उस समय नेपाल की तराई में कलना बाबा तपस्या में लीन थे उस वक्त उनके माता का भी निधन हो गया,हालाकि माँ काअंतिम संस्कार कलना बाबा ने मधुबनी में ही किया था, इसी बीच श्री बाबा 29 फरवरी 1992 को फाल्गुन बदी, द्वादसी शनिवार को समाधि स्थल पर महासमाधि ली,1992 में यह खबर भारत के रेडियो चैनल बीबीसी के द्वारा प्रसारित किया गया था, इनके नाम पर निवासस्थान अमही में
श्री श्री 108 कल्यानेश्वर परमहंस महाराज(कलना बाबा)
परमहंस धाम अमही में मंदिर का निर्माण हुआ है, जिसमें बाबा परमहंस महाराज की मूर्ति का लोकार्पण ग्रामीणों और महावीर मंदिर ट्रस्ट के द्वारा किया गया है, जहां मंदिर के पश्चिम दिशा में इनके पिता के नाम से प्रयाग कुंड अवस्थित है, जिसका जल आज भी निर्मल है,
बाबा का प्रतिमा आज मंदिर ट्रस्ट और ग्रामीणों और पटना मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के सहयोग से स्थापित किया गया है,जहां ग्रामीण हर व 27 नवंबर को जयंती महोत्सव मनाते हैं,तो वही कलना बाबा के मंदिर कक्ष में ग्रामीण सावन मास में रामचरितमानस और हनुमान चालीसा का संपूर्ण पाठ कराते हैं, जिसका भव्य तरीके से आयोजन भी किया जाता है साथ ही क्षेत्र के समस्त ग्रामीणों को प्रसाद वितरण भी किया जाता है, वहीं ग्रामीण दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि हर वर्ष बड़ी धूमधाम से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, साथ ही कलना बाबा के मंदिर के समक्ष मां गिरजा के नाम से एक नए मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है,मंदिर के बगल में संचालक दिनेश चंद्र मिश्रा के द्वारा एक सभा भवन का भी निर्माण कराया गया है, वहीं दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि आज बाबा के परित्याग की पूजा की जाती है, ग्रामीणों का प्रयास है कि बाबा के नाम से परमहंस धाम अमही का नाम बिहार के चारों तरफ गुजयमान हो।