नई दिल्लीः कोविड वैक्सीन की बूस्टर या तीसरी अतिरिक्त खुराक तथा 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। इसके साथ ही मांडविया ने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है। उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण को लेकर दो विशेषज्ञ समूह अनुसंधान कर रहे हैं जिन्होंने टीका अनुसंधान में सहयोग दिया है और इस विषय पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘वैज्ञानिक गहन विचार कर रहे हैं और जब वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तय करेंगे और जैसा तय करेंगे उनके मार्गदर्शन के आधार पर सरकार आगे चलेगी।”
कोरोना वायरस के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की जरूरत को रेखांकित करते हुए मांडविया ने आरोप लगाया कि इस गंभीर आपदा के काल में कुछ राजनीतिक दलों ने टीके पर संशय फैलाने का प्रयास करके, टीकाकरण अभियान पर सवाल उठाकर एवं प्रधानमंत्री पर आरोप लगाकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने प्रयास किया।
मंडाविया ने कहा, “कुछ विपक्षी दल के लोगों ने सदी के सबसे कठिन समय में भी राजनीति से बाहर नहीं आकर देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का हर संभव प्रयास किया। पहले लॉकडाउन में लोगों को उकसाया, फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मजाक उड़ाया। दशकों तक इन्हीं लोगों ने ही लोगों को गरीब रखा था। देश में बनी वैक्सीन होने के कारण उसपर सवाल उठाए, वैक्सीन ड्राइव शुरू हुआ तो लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया और वैक्सीन लेने के लिए डराया गया।”
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कई लोगों ने वैक्सीनेशन की शुरुआत से ही कह दिया कि पीएम ने क्यों नहीं ली। जब प्रधानमंत्री जी ने ली तो कहा यह वैक्सीन बीजेपी की वैक्सीन है। हिंदुस्तान के इतिहास की राजनीति में मेरे दल ने तो कभी ऐसा व्यव्हार नहीं किया। 17 सितंबर को आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन था, भाजपा उसे एक दल के तौर पर सेवा सप्ताह के तौर पर मनाती है और सभी कार्यकर्ताओं तथा सरकारों ने मेहनत की, मैने केवल वैक्सीन लगवाने के लिए ट्वीट करके आहवान किया था। 1-2 सरकारों को छोड़ सारी संस्थाएं, एनजीओ, मेरी पार्टी लगी, कई लोग बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक जगहों पर जाकर वैक्सीन ड्राइव शुरू किया।