नई दिल्ली। देश में सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ाने के लिए मुस्लिम समुदाय को स्वयं ही आगे आकर मथुरा और काशी विश्वनाथ मंदिरों के साथ जबरन बनाए गए अवैध मस्जिदों को हटा लेना चाहिए। ये बातें यूनाइटेड हिंदू फ्रंट संगठन ने जंतर-मंतर पर विवादी ढांचे के विध्वंस की 29वीं वर्षगांठ को विजय दिवस के रूप में मनाते हुए कही। इस दौरान संगठन ने इस्लामिक आतंकवाद के विरुद्ध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संगठन के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि अत्याचारी मुगल बादशाहों ने हजारों हिंदू मंदिरों को नष्ट किया। लाखों लोगों को बलपूर्वक मतांतरण के लिए मजबूर किया।
उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम नेता मथुरा-काशी की मंदिरों की भूमि मुक्त नहीं करते तो श्रीराम जन्म भूमि मुक्त कराने जैसे आंदोलन होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। इस संबंध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी प्रस्तुत किया गया।
इस ज्ञापन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 42वां संविधान संशोधन करके जोड़े गए ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने के लिए संविधान संशोधन कर हटाने की मांग की गई। इसके साथ ही भारत को हिंदूू राष्ट्र घोषित करने का आग्रह किया। वहीं, 1990 की कारसेवा के दौरान गोलीबारी का आदेश देने वालों पर मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार करने और बलिदान हुए कारसेवकों के परिवारों को पांच करोड़ रुपये की सहायता देने की मांग की गई। साथ ही मदरसों को आतंकवाद की नर्सरी बताते हुए देश भर के मदरसों को बंद करने की मांग की गई।