कपूरथला: NRI समाजसेवा संस्था के चेयरमैन जसवंत सिंह भंडाल।NRI समाजसेवा संस्था के चेयरमैन जसवंत सिंह भंडाल ने पंजाब में दशकों से चल रही NRI सभा की कार्यशैली व उपयोगिता पर सवाल खड़े किए हैं। भंडाल ने पंजाब में NRI सभा के पतन के लिए पंजाब सरकार व सभा के पदाधिकारियों को सार्वजनिक तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।कपूरथला में प्रेस वार्ता के दौरान भंडाल ने कहा कि पंजाब से करीब 65 से 70 लाख लोग विदेशों में बसे हैं, लेकिन NRI लोगो के मसलों का समाधान निकालने में NRI सभा की कार्यविधि शून्य ही रही है। इसी वजह से एनआरआई का पंजाब की मिट्टी से लगाव कम हो रहा है।उन्होंने सवाल उठाया कि लाखों की तादाद में पंजाबी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय देशों के साथ मध्य पूर्व के देशों में बसे हुए हैं। जबकि पंजाब NRI सभा के पास महज 25 हजार के करीब ही NRI रजिस्टर्ड हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2020 में हुए सभा के चुनाव में महज 1600 से वोट से प्रधान चुन लिया गया। जबकि एनजीओ एक्ट के तहत एक चौथाई वोटिंग अनिवार्य है।अब सवाल यह उठता है कि केवल सभा के पास रजिस्टर्ड एनआरआई ही एनआरआई का टैग रखते हैं या फिर लाखों की तादाद में विदेशी सरजमीं पर बसे पंजाबियों की दुख-तकलीफों को दूर करने के लिए सभा बाध्य है। वहीं सभा ने डायरेक्टर मेंबरशिप के लिए 5 लाख की फीस निर्धारित कर रखी है। वहीं डेलीगेट मेंबरशिप के लिए एक लाख की राशि ली जाती है। विदेशों में बसे सभी पंजाबी आर्थिक तौर पर सुदृढ़ नहीं हैं, जो इतनी भारी भरकम फीस दे सके। इसे घटाकर सुधार करने की जरूरत है।
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