नई दिल्ली। कनाट प्लेस इलाके में डेरा डाले भिखारियों से अब मुक्ति मिल गई है। दिल्ली पुलिस, गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से चलाए गए अभियान से कनाट प्लेस डेढ़ माह में भिखारी मुक्त हुआ है। यहां से 300 के करीब भिखारियों को अलग-अलग आश्रय गृहों में रखा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कनाट प्लेस में कोई भी भिखारी न रहे।
अधिकारियों का कहना है कि हटाए गए भिखारियों में 90 प्रतिशत भिखारी प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के परिसर में रहते थे। इनमें सात परिवार ऐसा था, जो 15 वर्षो से यहां रह रहा था। इनके परिवारों के बच्चे या तो भीख मांगते या फिर रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने का काम करते थे। माना जा रहा है कि कनाट प्लेस राजधानी का पहला ऐसा स्थान बना है, जो अब भिखारी मुक्त है। इससे पहले जो भी कनाट प्लेस घूमने आता तो उन्हें सबसे पहले भिखारियों से सामना करना पड़ता था। नेशनल दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव के मुताबिक, एसएचओ अमरेंद्र राय के नेतृत्व में पुलिस टीम ने लगातार अभियान चला कर कनाट प्लेस की वर्षो पुरानी बुनियादी समस्याओं में से एक भिखारियों से छुटकारा दिलाया है।
भिखारियों में नशे के आदी भी
यहां रह रहे तीन सौ भिखारियों में कई ड्रग्स के आदी भी हैं। भिखारियों को ड्रग्स बेचने वाले 10 तस्करों को भी पकड़ा गया है। हनुमान मंदिर के पास रहने वाले भिखारियों में अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान और दक्षिण भारत के राज्यों के रहने वाले हैं। जो लोग नशे के आदी थे, उन्हें नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा गया है।
अपराध में भी आई कमी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभियान के तहत की गई कार्रवाई का परिणाम है कि कनाट प्लेस इलाके में होने वाले अपराधों में भी कमी आई है। चोरी, झपटमारी व सार्वजनिक स्थानों पर नशा करने आदि की शिकायतों में काफी कमी आई है।