कर्नाटक: सिद्धारमैया बोले- भाजपा सरकार लागू कर रही अपना छिपा एजेंडा, धर्मांतरण विरोधी कानून पारित नहीं होने देंगे

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा पर लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ‘लव जिहाद, धर्मांतरण रोधी’ जैसे भावनात्मक मुद्दे उठाने का शुक्रवार को आरोप लगाया जिनका मकसद भगवा दल का ‘छुपा एजेंडा’ लागू करना है। वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने का विश्वास व्यक्त करते हुए, विधानसभा में विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी धर्मांतरण विरोधी विधेयक को पारित नहीं होने देगी जिसे सरकार विधानमंडल के मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने की योजना बना रही है।
सिद्धरमैया ने कहा, “सौ फीसदी हम (2023 के विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में) वापस आएंगे। स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों से एमएलसी चुनावों के दौरान हमें कुल 94,000 मतों में से लगभग 44,000 मत मिले, जबकि भाजपा को करीब 37,000, जद (एस) को तकरीबन 10,000 वोट मिले।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दर्शाता है कि लोग चाहते हैं कि कांग्रेस सत्ता में आए। उन्होंने आरोप लगाया कि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार धर्मांतरण रोधी विधेयक लाने जैसी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘इसकी जरूरत क्या है? इसकी कोई जरूरत नहीं है। अगर जबरन धर्मांतरण होता है तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ शिकायत दें और उन्हें सज़ा दें। कानून पहले से ही है।” कांग्रेस नेता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह “लव जिहाद, धर्मांतरण विरोधी” जैसे भावनात्मक मुद्दों को उठाकर अपने “छुपे हुए एजेंडे” को लागू करने की कोशिश कर रही है।

पूछा गया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर क्या कानून को रद्द दिया जाएगा तो सिद्धरमैया ने कहा, “हम पहले कानून को पारित होने से रोकेंगे… देखते हैं (सत्ता में आने पर क्या किया जाता है अगर यह पारित हो जाता है)।” प्रस्तावित धर्मांतरण विरोधी विधेयक का ईसाई समुदाय के नेता भी विरोध कर रहे हैं। इसे सोमवार को कैबिनेट के सामने रखे जाने की उम्मीद है और एक बार वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा और विधान परिषद में पेश किए जाने की संभावना है।
इस बीच प्रस्तावित धर्मांतरण विरोधी विधेयक का बचाव करते हुए, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक सी टी रवि ने कहा कि धर्म परिवर्तन वोट हासिल करने का तरीका नहीं बनना चाहिए। उन्होंने सिद्धरमैया सहित कांग्रेस नेताओं से इतिहास पढ़ने और इस बारे में महात्मा गांधी के विचारों को जानने का आग्रह किया। रवि ने दावा किया कि महात्मा गांधी ने भी धर्मांतरण का विरोध किया था।