पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष महंगाई रोकना नहीं बल्कि उस पर राजनीति करना चाहता है इसलिए कांग्रेस शासन वाले सात राज्यों की सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सुशील मोदी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि महंगाई पर छाती पीटने वाली कांग्रेस महाराष्ट्र, झारखंड समेत सात राज्यों में सरकार चला रही है, लेकिन इनमें से किसी राज्य ने पेट्रोल-डीजल पर दाम एक रुपया भी कम नहीं किया। दूसरी तरफ 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना का मुफ्त टीका लगवाने और गरीबों को महीनों तक मुफ्त राशन देने के दोहरे दबाव के बावजूद केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 5-10 रुपए तक उत्पाद शुल्क घटाए। उन्होंने कहा कि बिहार समेत सभी एनडीए-शासित राज्यों ने पेट्रोल-डीजल के कर में कमी कर जनता को राहत दी।
भाजपा सांसद ने कहा कि पेट्रोलियम जरूरतों के लिए भारत की आयात पर निर्भरता 80 फीसद और खाद्य तेलों, विशेष कर पाम आयल के लिए आयात पर निर्भरता 60 फीसद है। जिस कांग्रेस ने 60 साल राज करने के बाद भी महंगाई बढ़ाने वाले आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कुछ नहीं किया, वह अपनी विफलता का ठीकरा सात साल की मोदी-सरकार पर फोड़ना चाहती है। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क शून्य किया, देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए 11000 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की और पेट्रोल के साथ एथनॉल का इस्तेमाल करने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताए कि आयात पर निर्भरता घटा कर महंगाई पर लगाम लगाने के ऐसे दूरगामी उपाय अब तक क्यों नहीं हुए थे। विपक्ष महंगाई को रोकना नहीं, केवल उस पर राजनीति करना चाहता है।
मोदी ने कहा कि आयात शुल्क हटाने और अन्य उपायों से खाद्य तेलों के दाम 10 रुपए से ज्यादा घटे हैं। तिलहन की फसल अच्छी होने से आगे और भी राहत मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम गिरने के संकेत हैं। उन्होंने दावा किया कि कोविड काल में भारत महंगाई पर नियंत्रण पाने में अमेरिका और यूरोपीय देशों की अपेक्षा अधिक सफल रहा।