पटना। भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में चल रहा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पवन सिंह और खेसारी लाल यादव के बीच चली बयानबाजी में अब भोजपुरी से जरा भी ताल्लुक रखने वाले लोग रुचि लेने लगे हैं। लोग इस मसले पर खुलकर बोल रहे हैं। इस बवाल की शुरुआत तब हुई, जब पवन सिंह ने कह दिया कि उन्होंने ही भोजपुरी को सबसे बड़ी पहचान दिलाई है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि भोजपुरी में उनकी खींची गई रेखा इतनी लंबी है कि दूसरे कलाकार उसी पर रेंग रहे हैं। उनके इस बयान पर खेसारी लाल यादव ने पलटवार किया। अब लोग इन दोनों कलाकारों की आलोचना कर रहे हैं
पवन सिंह ने कर दिया एक गलत दावा
पवन सिंह ने कहा कि भोजपुरी में हिंदी को लाने वाले वे पहले कलाकार हैं। लोग इस पर भी ऐतराज जता रहे हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि भोजपुरी सिनेमा की नई पीढ़ी के कलाकारों ने ही भोजपुरी का बदनाम कर दिया है। हम आज आपको भोजपुरी सिनेमा के उस दौर की बातें बता रहे हैं, जब हिंदी के नामचीन कलाकार भोजपुरी फिल्मों के लिए गीत गाते थे।
हिंदी के नामचीन कलाकार कर चुके हैं काम
महज 10 से 15 वर्ष पहले तक भोजपुरी सिनेमा का स्वरूप ऐसा नहीं था, जैसा कि आजकल दिखाया जाता है। ‘गंगा मैया तोहरे पियरी चढ़इबो’ के लिए तो हिंदी की सबसे ख्यात गायिका लता मंगेशकर ने गाना गाया था। ‘गंगा किनारे मोरा गांव’ फिल्म के लिए ‘कहे के तब सबे केहू आपन, आपन कहावे वाला…’ को लता मंगशेकरजी की बहन उषा मंगेशकर ने गाया था। मोहम्मद रफी ने भोजपुरी फिल्म ‘बलम परदेशिया’ में गाना गाया था। ‘जाने कइसन जादू कइलू, दीहलू मंतर मार…’ गाने को किशोर कुमार ने गाया था।
मनोज तिवारी की फिल्म से बदला मिजाज
भोजपुरी फिल्मों का अतीत काफी पुराना है। हमने पहले जिन गानों का जिक्र किया, वे भोजपुरी के पुराने दौर की फिल्मों के हैं। बीच में एक अरसा ऐसा आया कि भोजपुरी सिनेमा खत्म होता दिखा। इस बीच मनोज तिवारी की फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ आई। यह फिल्म सुपरहिट हो गई। इसके बाद भोजपुरी सिनेमा का दौर फिर से लाैट आया, लेकिन यह सिनेमा धीरे-धीरे भोजपुरी संस्कृति, मिजाज और परिवेश से पूरी तरह कटता गया।
पुराने कलाकार जताते हैं दुख
भोजपुरी सिनेमा के मौजूदा रूप पर पुराने कलाकार दुख जताते हैं। भोजपुरी के सांस्कृतिक मंचों पर सक्रिय रहने वाले नंद कुमार तिवारी ने पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर भोजपुरी में बढ़ती अश्लीलता के खिलाफ कदम उठाने की मांग की थी। लेखक और अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा कहते हैं कि आज जिस तरह की भोजपुरी को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह पूरी तरह बाजार की गढ़ी हुई एक कृत्रिम चीज है। इसमें वास्तविक भोजपुरी कही नहीं दिखती है। बक्सर के रहने वाले जितेंद्र मिश्र कहते हैं कि भोजपुरी को पहचान दिलाने वालों की फेहरिश्त लंबी है। इनमें भिखारी ठाकुर, आज जो लोग भोजपुरी को पहचान दिलाने का दावा करते हैं, वे तो इस संस्कृति और भाषा का स्वरूप ही भ्रष्ट करने में लगे हैं
भोजपुरी कलाकारों के झगड़े से होगी अच्छी शुरुआत?
भोजपुरी पर काफी काम करने वाले निराला बिदेशिया ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि आजकल बहुत दिनों के बाद भोजपुरी जगत से अच्छी खबरें आ रही हैं। उन्होंने लिखा कि खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, रितेश पांडेय, विनय बिहारी और कल्लू अगर आपस में लड़ रहे हैं, एक-दूसरे को देख रहे हैं, एक-दूसरे को औकात बता रहे हैं, बात-बात पर एक-दूसरे को गरिया रहे हैं, तो यह एक अच्छा संकेत है। उनका कहना है कि शायद इससे ही भोजपुरी के लिए अच्छी शुरुआत हो जाए। दरअसल, इस झगड़े के बहाने ही भोजपुरी के वास्तविक स्वरूप को लेकर चर्चा छिड़ चुकी है
काजल राघवानी और अक्षरा सिंह ने सामने लाया काला सच
भोजपुरी सिनेमा की अभिनेत्री काजल राघवानी और अक्षरा सिंह ने भी इस मसले पर अपनी बात रखी है। काजल राघवानी ने भोजपुरी सिनेमा में जातिवाद का आरोप लगाते हुए कहा था कि यहां केवल पुरुष अभिनेताओं की मनमानी चलती है। अभिनेत्रियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। भोजपुरी सिनेमा अलग-अलग हीरो की जातियों में बंटा हुआ है। अक्षरा सिंह ने तो इससे भी आगे की बात कही। उन्होंने खुद के साथ हुए वाकये का मसला उठाते हुए कहा था कि आज भोजपुरी की बात करने वाले तब कहां थे। आपको बता दें कि भोजपुरी के एक कलाकार ने अपने मित्रों के साथ अक्षरा और पवन सिंह के संबंधों पर बेहद अश्लील पंक्तियों को गाने की तरह गुनगुनाया था। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था
बाद में पवन सिंह ने मांगी माफी, बोले-गलती हो जाती है
बाद में पवन सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि भोजपुरी को आगे बढ़ाने में सभी का योगदान है। उन्होंने भिखारी ठाकुर, महेंद्र मिसिर, कुंदन सिंह, मनोज तिवारी सहित भोजपुरी के तमाम नए-पुराने कलाकारों का नाम लिया और कहा कि उनके मन में सभी के प्रति सम्मान है। उन्होंने भोजपुरी सिनेमा में जातिवाद के आरोपों को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर चीज के लिए पवन सिंह का ही नाम लेते रहते हैं। ऐसे में उनसे भी गलती हो सकती है। उन्होंने कहा कि उनसे एक गलती हो गई है और इसके लिए वे माफी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में कोई कलाकार बड़ा या छोटा नहीं है। सभी के प्रयास से ही भोजपुरी आगे बढ़ेगी।