जम्मू : माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता यूसुफ तारिगामी ने जम्मू-कश्मीर संबंधी परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिशों को च्च्विभाजनकारी और अस्वीकार्यज्ज् बताते हुए दावा किया है कि यह कश्मीर के लोगों को राजनीतिक रूप से और शक्तिहीन बनाने की दिशा में एक अन्य कदम है।तारिगामी ने कहा कि नवगठित विधानसभा क्षेत्रों में से जम्मू के लिए छह और कश्मीर के लिए केवल एक क्षेत्र निर्धारित करना न्यायोचित नहीं है और इससे क्षेत्रों एवं समुदायों के बीच मतभेद बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 के तहत गठित परिसीमन आयोग स्वयं सवालों के घेरे में है, क्योंकि पुनर्गठन कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा, “आयोग का गठन न्यायालय की अवमानना के समान है और जब मामला विचाराधीन है, तो भारत सरकार ऐसा कैसे कर सकती है।
माकपा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून-2019 और अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक तरीके से समाप्त करने के खिलाफ 2019 में दायर रिट याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिए हाल में शीर्ष अदालत में एक अर्जी दाखिल की है।
तारिगामी ने कहा, “हमने शीर्ष अदालत को यह सूचित किया है कि मामला विचाराधीन होने के बावजूद भारत सरकार अपरिवर्तनीय कदम उठा रही है, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नुकसानदेह हैं।”
उन्होंने कहा कि वे ‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार के मनमाने, असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक फैसलों’ के खिलाफ अपनी कानूनी और राजनीतिक लड़ाई जारी रखेंगे।