Breaking
ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द ‘हम नहीं देंगे टोल’… पर्ची दी तो पिस्टल दिखाई, कहा- जान से मार दूंगा- Video जिस बॉलीवुड एक्ट्रेस पर मेकर्स ने खेला 725 करोड़ का दांव, अब प्रभास की ये बड़ी फिल्म मिल गई! थप्पड़, लात-घूंसे…हार्दिक पंड्या का नाम लिया और LIVE मैच में हो गया बड़ा बवाल SBI से लेकर केनरा बैंक तक, LIC ने 16 सरकारी कंपनियों में क्यों घटाई अपनी हिस्सेदारी? WhatsApp: अब नॉर्मल काल की तरह डायल कर सकेंगे अनजान नंबर, जल्द रोलआउट होगा ये फीचर अक्षय तृतीया पर पूजा के समय सुनें ये कथा, जीवन में बाधाओं से मिलेगी मुक्ति! न मिसाइल-न ड्रोन…निहत्थों से घबरा गया इजराइल! याद करने लगा दशकों पुराने जख्म उज्‍जैन सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार की नामांकन रैली में शाम‍िल हुए सचिन पायलट बीएड,एमएड में दाखिला के लिए आनलाइन पंजीयन पांच से

Covid टीके का खर्च निकालने के लिए Ultra Rich पर टैक्‍स की बात, जानिए क्‍या है सरकार की मंशा

Whats App

नई दिल्‍ली। Covid टीके की लागत निकालने के लिए Ultra Rich भारतीयों पर टैक्‍स लगाने के पीछे अपनी मंशा सरकार ने साफ कर दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि आयकर अधिनियम के तहत परिवार की सामूहिक आय निर्धारित करने की कोई अवधारणा नहीं है और उसके पास अत्यधिक अमीर लोगों पर धन कर लगाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन भी नहीं है। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।

दरअसल, सरकार से पूछा गया था कि अनुमानों के मुताबिक अगर भारत के 954 सबसे धनी परिवारों पर एक प्रतिशत कर लगा दिया जाता तो इससे कोविड-19 रोधी पूरे टीकाकरण कार्यक्रम का खर्च निकल जाता और पेट्रोल व अन्य ईंधन उत्पादों से अर्जित मूल्य वर्धित कर (वैट) राजस्व इकट्ठा करने के मौजूदा वित्त पोषण तंत्र को अपनाने की जरूरत नहीं पड़ती।

चौधरी ने कहा कि आयकर अधिनियम के तहत परिवार की सामूहिक आय निर्धारित करने की कोई अवधारणा नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार भारत के अत्यधिक अमीर लोगों पर धन कर लगाने पर विचार कर रही है, उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

Whats App

अत्यधिक अमीरों पर धन कर ना लगाने के कारणों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और व्यापार को आसान बनाने के लिए वित्त अधिनियम, 2015 द्वारा संपत्ति कर को समाप्त कर दिया गया था, क्योंकि इसे संग्रह की उच्च लागत वाला तथा कम प्रतिफल वाला कर पाया गया था।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि एक करोड़ रुपये से अधिक की कुल आय वाले सभी व्यक्तियों (एक विदेशी कंपनी के अलावा) के मामले में संपत्ति कर को मौजूदा अधिभार की दर में दो प्रतिशत की वृद्धि के साथ बदल दिया गया था। वित्त अधिनियम (द्वितीय संशोधन) 2019 ने अधिभार की दर को और बढ़ा दिया है।

ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द     |     ‘हम नहीं देंगे टोल’… पर्ची दी तो पिस्टल दिखाई, कहा- जान से मार दूंगा- Video     |     जिस बॉलीवुड एक्ट्रेस पर मेकर्स ने खेला 725 करोड़ का दांव, अब प्रभास की ये बड़ी फिल्म मिल गई!     |     थप्पड़, लात-घूंसे…हार्दिक पंड्या का नाम लिया और LIVE मैच में हो गया बड़ा बवाल     |     SBI से लेकर केनरा बैंक तक, LIC ने 16 सरकारी कंपनियों में क्यों घटाई अपनी हिस्सेदारी?     |     WhatsApp: अब नॉर्मल काल की तरह डायल कर सकेंगे अनजान नंबर, जल्द रोलआउट होगा ये फीचर     |     अक्षय तृतीया पर पूजा के समय सुनें ये कथा, जीवन में बाधाओं से मिलेगी मुक्ति!     |     न मिसाइल-न ड्रोन…निहत्थों से घबरा गया इजराइल! याद करने लगा दशकों पुराने जख्म     |     उज्‍जैन सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार की नामांकन रैली में शाम‍िल हुए सचिन पायलट     |     बीएड,एमएड में दाखिला के लिए आनलाइन पंजीयन पांच से     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374