भोपाल। गुजरात की बंपर जीत के बाद आने वाले 2023 के मप्र के विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूला अपनाया जाने की सम्भवना बढ़ गई है। दरअसल गुजरात में भाजपा ने 40 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए थे। नतीजे आए तो भाजपा ने कुल सीटों में से 86 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। गुजरात के एतिहासिक नतीजों के बाद आने वाले 2023 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूला अपनाया जाने के आसार लग रहे हैं। अगर गुजरात फार्मूला अपनाया जाता है तो यहां पर मौजूदा 122 में से 48 विधायक के टिकट पर तलवार लटक जाएगी। एमपी भाजपा के संगठन ने भी साफ कर दिया है कि यहां पर गुजरात की तजऱ् पर चुनाव लड़ा जाएगा। यही वजह है कि उपचुनाव में हारने वाले सिंधिया समर्थकों के टिकट पर संकट खड़ा हो गया है।
मध्य प्रदेश में साल 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। 2018 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा को झटका देते हुए 15 साल बाद वापसी हुई थी लेकिन 2020 में सिंधिया की कांग्रेस से बगावत के बाद भाजपा फिर से सत्ता में काबिज़ हो गई। यही वजह है कि 2023 में भाजपा के लिए चुनाव बड़ी चुनौती है। नेतृत्व और प्रत्याशियों को लेकर भाजपा में अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। इसी बीच गुजरात में 40 फीसदी पुराने चेहरों के टिकट काटकर भाजपा के केंद्रीय संगठन ने सभी राज्यों को मैसेज दिया है। मध्य प्रदेश में भाजपा के नेताओं में भी यह चर्चा छिड़ गई है। संगठन की बैठकों में नेतृत्त्व ने मौजूदा मंत्री विधायकों को ये मैसेज भी दे दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने साफ तौर पर कहा कि गुजरात फॉर्मूले से अपार सफलता मिली है। लिहाज़ा यहां पर भी 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 51 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए गुजरात फॉर्मूले के साथ जो भी जीत के अन्य बिन्दुओं पर भी मंथन किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में अगर गुजरात की तर्ज पर चुनाव लड़ा जाता है तो भाजपा 40 फीसदी टिकट बदल सकती है। ऐसे में मौजूदा 122 विधायक मंत्रियों में से 48 के टिकट पर तलवार लटक जाएगी। 111 सीट पर हारे हुए चेहरे भी बदले जा सकते हैं। गुजरात फॉमूले के चलते सिंधिया समर्थक मौजदा मंत्री विधायक और उपचुनाव में हारे हुए लोगों के टिकट पर तलवार लटक जाएगी। इनमें डबरा से इमरती देवी ग्वालियर से मुन्ना लाल गोयल करैरा से जसवंत जाटव मुरैना से एदल सिंह कंसाना रघुराज कंसाना गिरिराज दंडौतिया भिंड गोहद से रणवीर जाटव के टिकट पर तलवार लटकेगी। गुजरात में टिकट कटने के बाद बंपर जीत से सिंधिया समर्थक भी मानसिक रूप से तैयार हैं। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व जो फैसला करेगा उसके लिए वो तैयार है।