भोपाल| मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लंबी चर्चा और बहस के बाद गिर गया। बहस के दौरान खूब हंगामा भी हुआ, बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। विधानसभा में कांग्रेस ने शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। बुधवार को इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई जो देर रात एक बजे तक चली। गुरुवार को फिर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना पक्ष रखा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया, साथ ही कांग्रेस की 15 माह की सरकार की खामियों को भी गिनाया।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार 165 दिन रही और उसने साढ़े चार सौ आईएएस आईपीएस के तबादले किए। 15 हजार से अधिक कर्मचारियों के भी तबादले किए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जवाब के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। शिवराज सरकार के खिलाफ यह दूसरी बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव था। वर्ष 2011 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, मगर उस पर मतदान की स्थिति नहीं आ पाई थी।