झाबुआ। सितंबर माह के प्रथम सप्ताह में तो वर्षा का आंकड़ा 650 मिमी तक पहुंचा था, लेकिन इसके बाद हुई तेज वर्षा के कारण वर्षा का आंकड़ा अब तक 1123 मिमी तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष अब तक 724 मिमी ही वर्षा हो पाई थी। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में 399 मिमी वर्षा अधिक हुई है। अधिक वर्षा होने से क्षेत्र के जलाशय लबालब हो चुके हैं।
पिछले कई दिनों से वर्षा का दौर थमा हुआ है। माना जा रहा है कि लगभग वर्षाकाल समाप्त हो चुका है। वैसे भी वर्षाकाल एक जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। स्थिति यह है कि जिले के आंकड़े पिछले वर्ष से अधिक होने पर संतोषप्रद माने जा रहे हैं। अब अगर आगामी दिनों में भी वर्षा नहीं होती है तो भी रबी की फसलों की सिंचाई के लिए दिक्कत नहीं आएगी।
गेहूं, चना का उत्पादन अच्छा होने की संभावना
रबी को लेकर नहीं है चिंता इस वर्ष पर्याप्त वर्षा होने के बाद अब किसानों को रबी सीजन की फसल को लेकर चिंता नहीं है, क्योंकि जिले के छोटे-बड़े जलाशय लगभग भर चुके हैं। खरीफ की कटाई पूरी होते ही किसान रबी की फसलों को लेकर तैयारी करने में जुट जाएंगे। किसान गेहूं, चना के अलावा अन्य फसलों की बोवनी करेंगे। पिछले वर्ष कम वर्षा होने के कारण किसानों को रबी की फसलों को लेकर दिक्कतें उठानी पड़ी थीं, लेकिन इस वर्ष अच्छी वर्षा होने के बाद गेहूं, चना व अन्य फसलों का उत्पादन अच्छा होने की संभावना है।
अधिक वर्षा से नुकसान
इस वर्ष अधिक वर्षा होने के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि लगातार वर्षा होने के कारण सोयाबीन व अन्य फसलें प्रभावित हुई हैं। खेतों में पानी भरा होने से किसान फसलों की कटाई नहीं कर पा रहे हैं। सितंबर माह के पूर्व वर्षा की खेंच के कारण पहले ही फसलें प्रभावित हो गई थीं। इसके बाद अधिक वर्षा के कारण फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। संभावना कम मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी राजेश त्रिपाठी ने बताया कि आगामी दिनों में वर्षा होने की संभावना कम है। बादलों की आवाजाही बनी रह सकती है।