इंदौर। भारत ने बुधवार को एशियाई खेलों के एक संस्करण में सबसे ज्यादा पदक जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कर ली। बुधवार को हांगझू, चीन में ज्योति सुरेखा वेनाम और ओजस प्रवीण देवताले की टीम ने तीरंदाजी के कंपाउंड मिश्रित युगल टीम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली। इसके साथ ही भारत के कुल पदकों की संख्या 71 हो गई।
राम बबलू और मंजू रानी ने 35 किमी रेस वाक मिश्रित टीम इवेंट में कांस्य पदक जीतने के बाद भारत के कुल 70 सर्वाधिक पदकों की बराबरी की थी। भारत ने 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों में कुल 70 पदक जीते थे।
India shines brighter than ever before at the Asian Games!
With 71 medals, we are celebrating our best-ever medal tally, a testament to the unparalleled dedication, grit and sporting spirit of our athletes.
Every medal highlights a life journey of hard work and passion.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2023
हांगझू एशियाई खेलों में अभी भी चार दिन शेष हैं, ऐसे में अब भारत की नजरें पदकों का शतक पूरा करने पर रहेंगी। बुधवार का आधा दिन अभी भी शेष है। बुधवार को तीरंदाजी कंपाउंड मिश्रित टीम वर्ग के स्वर्ण पदक के साथ ही भारत के लिए इस संस्करण में 16वां स्वर्ण पदक था। यह एशियाई खेलों के एक संस्करण में भारत द्वारा जीते गए संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक भी हैं। पांच साल पहले जकार्ता एशियाई खेलों में भारत ने कुल 16 स्वर्ण जीते थे।
भारत एशियाई खेलों के 10वें दिन का खेल की समाप्ति पर कुल 69 पदकों के साथ था। हांगझू में भारत के अब 16 स्वर्ण, 26 रजत और 29 कांस्य पदक हो चुके हैं।
तीरंदाजी में भी बेहतर किया रिकार्ड
ज्योति ओर देवताले के इस प्रदर्शन के साथ ही भारत ने एशियाई खेलों में तीरंदाजी के अभी तक के प्रदर्शन को भी बेहतर कर लिया। यह भारतीय तीरंदाजी दल का चौथा पदक है। इससे पहले भारत ने 2014 इचियान एशियाई खेलों में तीन पदक जीते थे। इस संस्करण में तीरंदाजी के व्यक्तिगत वर्ग में तीन और पदक तय हैं, जिनमें से दो स्वर्ण हो सकते हैं।
100 पदक पहुंच में…
भारत ने स्क्वाश के युगल वर्ग में दो और मुक्केबाजी में दो पदक पक्के कर लिए हैं। भारत को निशानेबाजी और एथलेटिक्स से सबसे ज्यादा पदक मिले हैं। निशानेबाजों ने 22 और एथलीटों ने अभी तक 23 पदक जीते हैं। ट्रैक एंड फील्ड इवेंट अभी भी बाकी हैं। भारत इस समय चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद चौथे स्थान पर है। अभी भी कुश्ती, हाकी (पुरुष व महिला), पुरुष क्रिकेट, बैडमिंटन, तीरंदाजी (रिकर्व), स्क्वाश, मुक्केबाजी, कबड्डी और एथलेटिक्स के मुकाबले शेष हैं। ऐसे में भारत का पदकों का शतक पूरा करने का सपना पूरा हो सकता है।