परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर काम खत्म माना, छह चयन परीक्षाओं के लिए सिलेबस का इंतजार, कैसे पढ़ाई करें उम्मीदवार
इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) कानूनी अड़चनों, मनमाने नियमों के कारण चर्चा में तो रहता ही है, अब उस पर लापरवाही के आरोप भी लग रहे हैं। आयोग पांच वर्षों से राज्य सेवा परीक्षाओं को तो अंजाम पर नहीं पहुंचा सका इस खामी के बावजूद अन्य परीक्षाओं के सिर्फ कैलेंडर जारी कर इतिश्री कर रहा है। अभ्यर्थियों की शिकायत है कि ऐसी कई परीक्षाएं हैं, जिनकी घोषणा तो पीएससी ने कर दी, लेकिन आज तक सिलेबस ही जारी नहीं किया है। ऐसे में इन भर्ती परीक्षाओं की तैयारी उम्मीदवार कैसे करेंगे, यह पहेली बना हुआ है।
खास बात यह है कि इस सवाल पर आयोग की ओर से कोई जवाब भी नहीं मिल रहा। अब तक छह चयन परीक्षाओं के सिलेबस को लेकर पीएससी ने खामोशी साध रखी है। इनमें सहायक संचालक ग्रामोद्योग (हथकरघा), खनिज अधिकारी और सहायक भौमिकविद, खनिज निरीक्षक, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिकल भर्ती के साथ ही साइंटिफिक अधिकारी के पदों के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाएं शामिल हैं।
चार महीने बाद भी सिलेबस जारी नहीं
अभ्यर्थियों के अनुसार, सहायक संचालक ग्रामोद्योग की परीक्षा की घोषणा दो जून को हुई थी। यानी चार महीने बाद भी पीएससी ने सिलेबस जारी नहीं किया था। इसकी चयन प्रक्रिया को लेकर पीएससी ने कहा था कि आवेदन की संख्या ज्यादा होने पर लिखित परीक्षा होगी, अन्यथा सिर्फ इंटरव्यू लिए जाएंगे। अब तक पीएससी ने आवेदनों की संख्या और परीक्षा पर पक्ष स्पष्ट नहीं किया है न ही सिलेबस जारी किया है। फार्म जमा हुए भी तीन महीने का समय हो चुका है। इसी तरह खनिज अधिकारी के पदों के लिए मार्च में नोटिफिकेशन आया था। असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के लिए जनवरी, 2024 में तारीखें तय की हैं, लेकिन अभी तक सिलेबस सार्वजनिक नहीं हुआ है।
किस पैटर्न पर करें तैयारी, अभ्यर्थी परेशान
परीक्षार्थियों का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं है कि वे किस पैटर्न पर तैयारी करें और क्या पढ़ें। पीएससी पर आरोप लग रहे हैं कि परीक्षा में ऐन वक्त पर सिलेबस जारी कर कुछ खास लोगों को लाभ देने की कोशिश भी हो सकती है। इस बीच कुछ अभ्यर्थी आयोग के मुख्यालय भी पहुंचे थे लेकिन अधिकारियों से जवाब नहीं मिला।