भोपाल प्रदेश के एक दर्जन निकायों में स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की टीम गरीबेज फ्री सिटी और वाटर प्लस का सर्वे करके वानस दिल्ली लौट चुकी है। अब चुनाव के बाद राजधानी में इसका सर्वे होगा। लेकिन शहर के लिए गारबेज फ्री और वाटर प्लस सिटी को तमगा हासिल करना आसान नहीं होगा। इसका कारण शहर में जगह-जगह फेंका जा रहा कचरा और खुले में बह रही गंदगी है।
बता दें कि नगर निगम के कालसेंटर में सफाई, सीवेज, अतिक्रमण, जलापूर्ति और अन्य समस्याओं को लेकर बीते छह माह में 33 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की गई। लेकिन इनमें 75 प्रतिशत शिकायतें गंदगी और सीवेज चोक होने की है। वो भी तब, जब स्वच्छता के नाम पर निगम प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च कर रहा है। फिर भी सबसे अधिक शिकायतें सीवेज और स्वास्थ्य शाखा की पहुंची है।
सफाई और सीवेज की प्रतिदिन 100 शिकायतें
ताजा आंकड़े के अनुसार शहरवासियों ने प्रतिदिन 140 से 170 के बीच शिकायतें निगम के कालसेंटर में दर्ज कराई जाती हैं। इनमें 100 से अधिक शिकायतें कचरे और सीवेज की होती है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि इनमें 80 प्रतिशत शिकायतों का तय सीमा में निराकरण किया गया है। जबकि कई मामले ऐसे विवादित होते हैं, जो नगर निगम के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। ऐसे में मामलों को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
सीवेज और स्वास्थ्य विभाग में प्राप्त शिकायतें
मई – 5,084
जून – 4,786
जुलाई – 4,556
अगस्त – 3,412
सितंबर – 3,258
अक्टूबर – 3,466
विभागवार छह माह में प्राप्त शिकायतें
सीवेज चोक होने की शिकायत – 12,856
कचरा हटाने की शिकायत – 11,706
जल प्रदाय शाखा – 1,557
नगर निगम बिजली शाखा – 1,250
श्वान शाखा – 704
सीवेज रिपेरिंग शाखा – 687
स्मार्ट सिटी बिजली शाखा – 567
गोवेर्धन परियोजना – 458
अतिक्रमण शाखा 385
उद्यान शाखा – 320
सिविल शाखा – 258
अन्य शिकायतें – 1,584
इनका कहना है
नगर निगम के कालसेंटर में पहुंचने वाली शिकायतों का निरंतर निराकरण किया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण को देखते हुए शहर में सफाई व्यवस्था बेहतर हुई है। सुबह छह से नौ बजे तक जोन स्तर पर सफाई निरीक्षण की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है।
विनीत तिवारी, अपर आयुक्त नगर निगम