जुन्नारदेव छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा से 48 कि.मी. दूर बसे जुन्नारदेव यानी जामई को जिला बनाने के लिए राजस्व विभाग ने छिंदवाड़ा कलेक्टर से प्रस्ताव मांगा है। ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है। इस संदर्भ में एक पत्र भी जारी हुआ है। राजस्व विभाग द्वारा जिला बनाने का प्रतिवेदन मांगने पर कांग्रेस विधायक सुनील उईके ने कहा- मैं स्वयं जुन्नारदेव को जिला बनाने की मांग लंबे समय से कर रहा हूं। मैंने विधानसभा के बजट सत्र में पांढुर्णा की तरह जुन्नारदेव को जिला बनाने को लेकर सवाल पूछा था तो राजस्व मंत्री ने यह जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सांसद बंटी साहू बोले-राजस्व विभाग का पत्र मुझे मंगलवार को ही मिला
जुन्नारदेव जिला बनाने का प्रस्ताव देने वाले बंटी साहू ने कहा- हम लोग लंबे समय से जुन्नारदेव को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। कई बार आंदोलन कर चुके हैं। राजस्व विभाग का पत्र मुझे मंगलवार को ही मिला है। अब कलेक्टर महोदय से जल्दी यह प्रस्ताव शासन को भेजने का अनुरोध करेंगे।
वर्तमान में रेलवे स्टेशन में 3 प्लेटफॉर्म उपलब्ध
जुन्नारदेव में डब्ल्यूसीएल के कन्हान क्षेत्र का प्रधान कार्यालय होने से काफी चहल पहल रहती है। बस, टैक्सी तथा ऑटो की निरंतर सेवाओं से जुड़ा हुआ है। वर्तमान में रेलवे स्टेशन में 3 प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार जुन्नारदेव शहर की कुल जनसंख्या 22426 थी।
पहाड़ियों और जंगलों के निकट बसा है जुन्नारदेव
जुन्नारदेव नगर सतपुड़ा पर्वतमाला की पहाड़ियों के निकट जंगल में बसा है। उत्तर में पेंच नदी पश्चिम में तवा नदी, कन्हान नदी और टाकिया नदी प्रमुख हैं। टाकिया नदी जुन्नारदेव नगर बीच से बहती हुई कन्हान नदी में मिल जाती हैं। इस क्षेत्र में काली मिट्टी और दोमट किस्म की मिट्टी पाई जाती है, जो खेती के लिए अनुकूल है।
बस, टैक्सी तथा ऑटो, किसी से पहुंच सकते हैं जुन्नारदेव
जुन्नारदेव देश के अन्य हिस्सों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह व बस, टैक्सी तथा ऑटो की सेवाओं से जुड़ा हुआ है। जुन्नारदेव, छिंदवाड़ा से 48 कि.मी. की दूरी पर है। कोई भी राष्ट्रीय राजमार्ग शहर से नहीं गुजरता है लेकिन ये राजकीय राजमार्गों के जाल से भोपाल (236 कि.मी.) नागपुर (180 कि.मी.) तथा जबलपुर (267 कि.मी.) से जुड़ा हुआ है।
दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख रेल मार्ग पर स्थित
जुन्नारदेव, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नागपुर और आमला से बड़ी रेलवे लाईन से जुड़ा हुआ हैं। यह शहर दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख रेल मार्ग पर स्थित हैं। रेलवे सुविधा का आगमन जुन्नारदेव ने सन 1936 में हो चुका था।
हवाई अड्डा नहीं है, लेकिन हेलीपैड उपलब्ध
जुन्नारदेव में हेलीपैड उपलब्ध हैं। नागपुर (180 कि.मी.) सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। जुन्नारदेव, भोपाल (236 कि.मी.) तथा रायपुर (300 कि.मी.) से भी पहुँचा जा सकता है जो हवाई मार्गों से जुड़े हैं। छिंदवाड़ा हवाई पट्टी सबसे नजदीकी हवाई पट्टी है, जहाँ पर छोटे विमान और हेलीकॉप्टर उतरते हैं।
जुन्नारदेव में कई विद्यालय हैं
जैसे शासकीय जुन्नारदेव महाविद्यालय, विद्या देवी शुक्ला महाविद्यालय, श्री नंदलाल सूद शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पंडित रविशंकर शुक्ल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, स्टेप फॉरवर्ड पब्लिक स्कूल, ज्ञान सागर पब्लिक स्कूल शामिल हैं।
केंद्रीय विद्यालय व शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
केंद्रीय विद्यालय (जुन्नारदेव और बड़कुही), कन्हान वैली स्कूल डुंगरिया, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हनोतिया, शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भी हैं।
जुन्नारदेव नगर में कुछ बैंकों की शाखाएं हैं
जुन्नारदेव नगर में कुछ बैंकों की शाखाएं हैं जो भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित और एचडीएफसी बैंक हैं।
मौसम और जलवायु
घने वनों के कारण ख्ूब बारिश होती है। सर्दी अक्टूबर/नवंबर से फरवरी/मार्च तक रहती है। जंगलों और सतपुड़ा पर्वतमाला की वजह से बढ़ते तापमान का खास असर नहीं पड़ता हैं। जून के दूसरे सप्ताह से मानसून का आरंभ हो जाता है। जुलाई माह में शहर में सबसे ज्यादा बारिश होती है। जुन्नारदेव में साल भर हल्की से मध्यम बयार चलती है, खासतौर से सुबह के वक्त जबकि दोपहर के वक्त हवा थोड़ी तेज होती है।
जुन्नारदेव के पर्यटन व धार्मिक स्थल
- पातालकोट घाटी
- पातालकोट सूर्यास्त बिंदु
- पहाड़ियाँ
- तामिया पहाड़ियाँ
- विशाला पहली पायरी
- संत भूरा भगत मंदिर
- श्री हिंगलाज माता मंदिर
- लोधेश्वर महादेव मंदिर
- रैनीधाम मंदिर