पूजा खेडकर का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. यूपीएससी ने फर्जी प्रमाणपत्र के मामले में दिल्ली पुलिस में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है और पुलिस अब उसकी तलाश कर रही है. गिरफ्तारी से बचने के लिए पूजा खेडकर ने कोर्ट मेंअग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी है. जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूजा खेडकर की दुबई भागने की खबरें है.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर को लेकर तीन जगहों से जानकारी मांगी है. महाराष्ट्र सरकार, एम्स और लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी, मसूरी से जानकारी मांगी गई है. पूजा खेडकर अब कहां हैं? उसके बाद यह बात सामने आ रही है कि पूजा खेडकर देश छोड़कर भाग गई हैं.
हालांकि पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया है कि पूजा खेडकर दुबई भाग गई हैं. पुलिस के मुताबिक पूजा खेडकर भारत में हैं.
दस्तावेज मिलने के बाद पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा
पूजा खेडकर दुबई चली गई हैं. दो दिन पहले दिल्ली की एक अदालत ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी को लेकर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद ऐसी खबरें आई कि पूजा खेडकर गिरफ्तारी के डर से भारत से भाग गईं,
हालांकि पुलिस का कहना है कि पूजा खेडकर भारत में ही है. दिल्ली पुलिस ने उनके संबंध में महाराष्ट्र सरकार, एम्स और मसूरी सेंटर से जानकारी मांगी है.
दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों के बारे में जानकारी मांगी है. सूत्रों ने बताया कि सभी दस्तावेज पुलिस को मिलने के बाद पुलिस पूजा को पूछताछ के लिए बुलाएगी. इससे पहले यूपीएससी ने आरोप के बाद पूजा खेडकर को यूपीएससी की परीक्षा में बेैठने पर अब रोक लगा दी है और उसे आईएएस पद से निरस्त कर दिया है.
विजय कुम्हार ने वाईसीएम पर लगाया आरोप
इस बीच, पूजा खेडकर मामले में सूचना अधिकार कार्यकर्ता विजय कुंभार ने पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल (YCM) पर आरोप लगाया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पूजा खेडकर को बिना जांच के विकलांगता प्रमाण पत्र दिया गया था. पूजा खेडकर के लिए कोई वेटिंग लिस्ट नहीं थी और फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया, जबकि वह विकलांग नहीं थी.
उन्होंने कहा कि यह आकस्मिक नहीं है. संबंधित वाईसीएम के तंत्र को इसे स्पष्ट करना चाहिए. क्या आपने पूजा खेडकर का राशन कार्ड, आधार कार्ड देखा? यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल केवल पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम सीमा के भीतर नागरिकों को दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत है.
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड, आधार कार्ड का पता अलग-अलग है. एक निजी डॉक्टर द्वारा एमआरआई का उपयोग किया गया था. यह इन दस्तावेजों के साथ संलग्न नहीं है. उन्हें बिना एमआरआई के विकलांगता प्रमाण पत्र दे दिया गया.