हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव को जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं के रूप में जाना जाता है और वो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. यही कारण है कि उनका कोई भक्त कभी निराश नहीं रहता है. देवों के देव कहलाने वाले महादेव की पूजा के लिए सावन के तीसरा सोमवार सबसे ज्यादा शुभ और फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस पावन पर्व पर भगवान शिव की पूरी कृपा बरसती है. यदि महादेव की विधि-विधान से पूजा की जाए और उसमें भगवान शिव की प्रिय चीजें चढ़ाईं जाएं तो व्यक्ति की सभी मनोकानाएं शीघ्र पूरी होती हैं.
रुद्राक्ष
मान्यता है कि महादेव का मनका कहलाने वाले रुद्राक्ष को भगवान शिव का महाप्रसाद माना गया है. इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. जिसे सावन सोमवार की पूजा में अर्पित करने और प्रसाद के रूप में ग्रहण करने पर व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. अलग-अलग आकार वाले रुद्राक्ष का संबंध न सिर्फ अन्य देवी देवताओं से बल्कि नवग्रहों से भी होता है. ऐसे में इसे शिव पूजा में प्रयोग करने पर शिव संग इनका भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
बिल्व पत्र
शिव भगवान को बेल पत्र बहुत ज्यादा प्रिय है. मान्यता है कि शिव पूजा में इसे चढ़ाने से शिव के भक्तों को उनका शीघ्र ही आशीर्वाद प्राप्त होता है. सनातन परंपरा में बेलपत्र की तीन पत्तियों में से एक को रज, दूसरे को सत्व और तीसरे को तमोगुण का प्रतीक माना गया है. ऐसे में बेलपत्र चढ़ाने पर महादेव की कृपा से साधक को सभी प्रकार के सुख और संपदा की प्राप्ति होती है. शिव पूजा में इसे चढ़ाते समय इसकी डंठल को तोड़कर उलटा चढ़ाना चाहिए.
दूध और दही
मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को दूध से अभिषेक करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है. वहीं दही चढ़ाने से शिव भक्त के जीवन में हमेशा खुशियां और सुख-समृद्धि बनी रहती है.
भस्म
भगवान शंकर की पूजा में भस्म का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है. भस्म को शिव का वस्त्र माना गया है, जिसे वे अपने पूरे शरीर पर लपेटे रहते हैं. मान्यता है कि सृष्टि अंत में उसी राख के रूप में परिवर्तित हो जाती है, जिसे महादेव अपने शरीर में धारण किए रहते हैं. एक दिन यह पूरी सृष्टि भगवान शिव में राख के रूप में विलीन हो जाती है. मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव को भस्म चढ़ाने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है.
सावन के तीसरे सोमवार को शिव पूजा में रुद्राक्ष, भस्म आदि की तरह अन्य चीजों को चढ़ाने का अलग-अलग फल मिलता है. जैसे शहद चढ़ाने से वाणी की मधुरता और सौंदर्य, घी से तेज, शक्कर से सुख-समृद्धि, चंदन से यश, आंवले से लंबी आयु, गन्ने के रस से धन, गेहूं से योग्य संतान, अक्षत से सुख-संपत्ति आदि की प्राप्ति होती है.