उत्तर प्रदेश के बरेली में आतंक का दूसरा नाम बन चुके सीरियल किलर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. एक सीरियल किलर जिसका मोडस ऑपरेंडी एक था… महिलाओं को खेत या फिर किसी खेत के पास मारना. उसका गला घोंटना और उसी की साड़ी से उसके गले में एक गांठ बांध देता था ताकी महिला के शरीर में ज़रा भी जान बची हो तो वह भी निकल जाए. लेकिन इस शख्स ने ऐसा किया क्यों ये भी एक बड़ा सवाल है.
ऐसे किलर्स को अक्सर आप साइको किलर्स की श्रेणी में रख सकते हैं. इनका कोई खास मकसद नहीं होता. ये बस अपनी सनक में आकर इस तरह की हत्याओं को अंजाम देते हैं. बरेली के इस साइको किलर की भी यही कहानी है. इस किलर को पकड़ना इतना मुश्किल हो गया था कि पुलिस को लगभग 22 टीमों का गठन करना पड़ा. बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक इस शख्स को पकड़ना कोई आसान काम नहीं था, क्योंकि ये हत्याएं किसी बिल्डिंग या फिर फ्लैट में नहीं हो रही थी बल्कि खुले खेतों या फिर खेतों के पास हो रही थीं.
खेतों के रास्तों चलता था कुलदीप
एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक इस शख्स का नाम कुलदीप है जिसको पुलिस ने बाकरगंज थाना नबावगंज से गिरफ्तार किया है. अपनी जांच में उन्होंने इस रूट पर चलने वाले लगभग हर ई-रिक्शा वाले या फिर ऑटो-टेम्पो वालों से कुलदीप के बारे में पूछताछ की. पूछताछ में ये बात सामने आई कि ये शख्स किसी भी का वाहन इस्तेमाल नहीं करता था और केवल पैदल चलता था. मेन रोड़ पर कुलदीप कभी जाता ही नहीं था. वह केवल खेतों के रास्तों चलता था और इसलिए उसे लगभग सारे रास्ते अच्छी तरह से मालूम थे, इसलिए उसके लिए हत्या कर वहां से गायब हो जाना आसान होता था.
महिलाओं के प्रति थी काफी कुंठा
एसएसपी आर्य के मुताबिक कुलदीप के मन में महिलाओं के प्रति काफी कुंठा है. इसकी एक प्रबल वजह ये भी हो सकती है कि बचपन में उसकी मां के होते हुए उसके पिता बाबूराम ने दूसरी शादी कर ली थी. पिता उसकी मां को सौतेली मां के कहने पर काफी पीटते थे. इसलिए महिलाओं से उसे विशेष चिढ़ थी. इसके अलावा, उसकी पत्नी भी उसे छोड़ कर चली गई थी. हालांकि वह स्वभाव का काफी सहज आदमी है. लेकिन जैसे ही वह किसी महिला को अकेला खेत में काम करता देखता तो उसके मन में उस महिला के करीब जाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा होती.
साड़ियों से बांध देता था गले में गांठ
ये जायज़ है कि महिला उसे मना ही करती थी और बस यही बात इस सीरियल किलर के लिए ट्रिगर प्वाइंट का काम करती थी. कुलदीप को इस बात से गुस्सा आ जाता था कि किसी महिला ने उसे मना कैसे कर दिया और फिर वह उसका गला दबाकर उसकी हत्या कर देता था. महिला की हत्या करने के बाद वह इस डर में कि कहीं वह महिला जिंदा ना रह गई हो, उसी की साड़ी से उसके गले में कसकर एक गांठ लगा देता था ताकी अगर गलती से महिला में जरा भी जान बाकी रह गई हो तो वह भी निकल जाए.
गन्ने के खेत में ही क्यों करता था हत्याएं
बरेली पुलिस ने कुलदीप को पकड़ने के लिए काफी बड़ा ऑपरेशन चलाया. पुलिस ने इस ऑपरेशन को तलाश साइको किलर का नाम दिया. पुलिसकर्मियों को छांटकर कुल 22 टीमों को लगाया गया था. लगभग 25 किलोमीटर एरिया में ये घटनाएं हो रही थीं. पूरे एरिया में लगभग 1500 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज से कुलदीप की तालश की गई थी. आरोपी ने दस हत्याओं के आरोपों में से लगभग 6 गुनाहों को कबूल कर लिया है. उसने पूछताछ में बताया कि हमला करने से पहले वह इस बात को पूरी तरह सुनिश्चित करता था कि किसी ने उसको महिला के पीछे जाते हुए नहीं देखा हो और महिला का पीछा करते समय रास्ते में कोई भी बच्चा, पुरूष या कोई और महिला उसको मिल जाती थी तब वह उस दिन घटना को अंजाम नहीं देता था. सभी घटनाएं गन्ने के खेत में की गई हैं. इस बारे में पूछताछ की गई तो आरोपी ने बताया कि गन्ने के खेत में आड़ होती है और 10-5 मीटर अन्दर चले जाने के बाद अगर आस-पास से कोई गुजर भी जाये तो उसको अन्दर पड़े हुये व्यक्ति का पता नहीं लगेगा. पूछताछ में ये बात भी सामने आई है कि कुलदीप कभी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था और न ही आने-जाने के लिए किसी साधन का इस्तेमाल करता था.