सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद जमानत दे दी है. जेल से रिहा होने के बाद सिसोदिया फिर से राजनीति में सक्रिय हो गए हैं. जमानत पर बाहर आकर राजनीति करने वाले सिसोदिया पहले नेता नहीं हैं. देश के 7 बड़ी पार्टियों के 10 बड़े नेता अभी जमानत पर हैं और राजनीति कर रहे हैं. दिलचस्प बात है कि एक को छोड़कर सभी नेता विपक्ष के हैं और इन सभी पर 2014 के बाद ही मुकदमा दायर हुआ.
जमानत पर बाहर आकर राजनीति करने वाले एक नेता पार्टी के प्रमुख, दो नेता मुख्यमंत्री और एक डिप्टी सीएम हैं. इन नेताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं…
कौन-कौन है जमानत पर बाहर?
1. सोनिया गांधी और राहुल गांधी- कांग्रेस संसदीय पार्टी के प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय के केस में जमानत पर हैं. दोनों पर नेशनल हेराल्ड की संपत्ति में हेरफेर का आरोप है. दोनों ही नेताओं को साल 2015 में दिल्ली की निचली अदालत ने जमानत दी थी. तब से दोनों बाहर हैं.
हेराल्ड केस का 2012 में खुलासा हुआ था. इस केस में सोनिया और राहुल समेत कांग्रेस के 8 नेता ईडी के रडार पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने हेराल्ड केस में अब तक 830 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है.
2. पी चिदंबरम- देश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम भी जमानत पर बाहर हैं. चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया घोटाले में आरोपी हैं और उन्हें 2019 में ईडी ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के 2 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत दे दी.
चिदंबरम अभी राज्यसभा के सांसद हैं और कांग्रेस के लिए पर्दे के पीछे से रणनीति तैयार करते हैं.
3. लालू प्रसाद यादव- चारा घोटाले मामले में सजायफ्ता और लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी लालू प्रसाद यादव अभी जमानत पर हैं. उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर कोर्ट से जमानत मिली हुई है. हाल ही में उनके जमानत के खिलाफ सीबीआई कोर्ट गई थी, लेकिन कोर्ट ने सीबीआई की दलील सुनने से इनकार कर दिया.
लालू यादव राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख हैं. उनकी पार्टी बिहार में नंबर दो की पार्टी है.
4. तेजस्वी यादव- लैंड फॉर स्कैम केस में आरोपी बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अभी जमानत पर हैं. उन्हें अक्टूबर 2023 में जमानत मिली थी. उस वक्त सीबीआई ने तेजस्वी की जमानत खारिज कराने के लिए कोर्ट का सहारा लिया था, लेकिन कोर्ट ने सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया था. तेजस्वी लालू यादव के बेटे हैं.
5. हेमंत सोरेन- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जमानत पर हैं. सोरेन पर जमीन घोटाले का आरोप है. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया था. जून 2024 में हेमंत को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी हेमंत की जमानत को बरकरार रखा था.
6. डीके शिवकुमार- कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी अभी जमानत पर बाहर हैं. डीके पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और उन्हें सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के 50 दिन बाद शिवकुमार को जमानत दे दी थी. हालांकि, कोर्ट ने शिवकुमार के खिलाफ दाखिल केस को खारिज करने से इनकार कर दिया. मामले की जांच अभी भी जारी है.
7. संजय राउत- शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत भी जमानत पर हैं. राउत पर पात्रा चॉल पुनर्विकास मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. उन्हें अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के 103 दिन बाद मुंबई हाईकोर्ट ने राउत को जमानत दे दी. जेल से बाहर आने के बाद संजय राउत ने महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को एकजुट करने में बड़ी भूमिका निभाई है.
8. अनिल देशमुख- महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भी जमानत पर हैं. देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की कथित वसूली का मामला है. उन्हें दिसंबर 2022 में मुंबई हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. देशमुख तब से राजनीति में सक्रिय हैं और शरद पवार की पार्टी के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं.
9. संजय सिंह- आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जमानत पर ही हैं. सिंह पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और उन्हें अक्टूबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट में जब यह मामला पहुंचा तो ईडी ने उनकी जमानत का विरोध नहीं किया. जेल से बाहर आने के बाद संजय सिंह राजनीति में फिर से सक्रिय हैं.
10. चंद्रबाबू नायडू- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी जमानत पर हैं. उन पर कौशल विकास मामले में धांधली का आरोप है. नायडू को जनवरी 2024 में नियमित जमानत मिली थी. उनकी पार्टी इस मुद्दे के सहारे चुनाव में गई और जीत गई. वर्तमान में नायडू केंद्र की एनडीए सरकार में किंगमेकर की भूमिका में है.