करोड़ों के पोल धराशाई, रामपथ धंसा और अब लाइटें चोरी, अयोध्या में भ्रष्टाचार की कहानी कहते ये 5 मामले
रामनगरी अयोध्या के विकास में हुआ भ्रष्टाचार धीरे धीरे सामने आने लगा है. पहले रामपथ धंसा, फिर अयोध्या की सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए करोड़ों रुपये कीमत के पोल गिर पड़े और इस शहर को राममय बनाने के लिए लगाई गई डेकोरेटिव लाइटें चोरी हो गई हैं. इस शहर के विकास में भ्रष्टाचार के मामले यहीं नहीं रुकते, यदि शुरू से गिनाया जाए तो फेहरिस्त काफी लंबी है. चूंकि ताजा ताजा प्रसंग उठा है, इसलिए कम से कम पांच उन मामलों की तो यहां चर्चा करेंगे ही, जिनको लेकर नगर अयोध्या निगम निगम में माहौल गरमाया हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रामलला के भव्य मंदिर का रास्ता क्या खुला, प्रदेश और केंद्र की सरकार ने रामनगरी में विकास योजनाओं का पिटारा खोल दिया. ऐसी ऐसी योजनाएं लाई गई, जिनमें यदि भ्रष्टाचार ना हो तो निश्चित ही अयोध्या में राम राज आ जाता. लेकिन इन सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. यह सभी योजनाएं लगातार अयोध्या नगर निगम में बहस का मुद्दा भी बनती रहीं हैं. बावजूद इसके अभी तक किसी भी योजना को लेकर अब तक कोई ठोस एक्शन नहीं हुआ है.
पहली ही बारिश में टपका था मंदिर में पानी
शुरुआत मंदिर निर्माण से ही कर लेते हैं. अभी अयोध्या में मानसून की पहली ही बारिश हुई तो राम मंदिर की छत से पानी टपकने लगा था. यहां तक कि मंदिर के गर्भ गृह के पास तक बारिश का पानी पहुंच गया था. यह मुद्दा मंदिर के मुख्य पुजारी ने उठाया और इस मुद्दे पर काफी सियासत भी हुई. इसी बारिश में राम मंदिर को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला रामपथ भी धंस गया था. इस संबंध में अयोध्या नगर निगम के कई पार्षदों ने एक कंपनी विशेष का नाम लेते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.
74 करोड़ की डेकोरेटिव लाइटों का मामला
फिर अयोध्या धाम के पार्षदों ने 74 करोड़ के डेकोरेटिव लाइटों की खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाया था. हालांकि निगम अधिकारियों ने सभी आपत्तियों को दरकिनार कर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कराया. अब खबर आई है कि ये लाइटें भी चोरी हो गई हैं. इसी क्रम में अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी में 30 करोड़ की वित्तीय अनियमितता का मामला भी सामने आया है. अब नगर निगम की ओर से राम पथ पर लगाई गई लाइटों की चोरी का मुकदमा दर्ज कराया गया है.
लाइटों की गुणवत्ता पर सवाल
नगर पार्षदों ने आरोप लगाया कि अयोध्या धाम में 74 करोड़ की डेकोरेटिव लाइट लगाई गई थीं. इन लाइटों के गुणवत्ता खराब होने के संबंध में सभी पार्षदों ने नगर आयुक्त संतोष शर्मा को शिकायत भी दी थी. इसमें उन्हें बताया था कि अयोध्या धाम में लगीं ज्यादातर लाइटें एक साल के अंदर ही खराब हो चुकी हैं. वहीं इनके लिए लगाए गए पोल भी टूट कर गिरने लगे हैं. पार्षदों ने नगर आयुक्त से इन लाइटों की गुणवत्ता की जांच कराने और अधूरे कार्यो को एक सफ्ताह के अंदर पूरा कराने की मांग की गई थी.
समय पूरा, लेकिन प्रोजक्ट अधूरा
पार्षदों के मुताबिक शहर में जिस 76 करोड़ की लागत से डेकोरेटिव लाइटों को लगाया गया है, वह छह महीने के अंदर ही टूट कर गिरने लगी हैं. यह स्थिति उस समय है, जब प्रोजक्ट ही अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम द्वाारा चुने गए किसी भी फर्म ने अभी तक कंपलीशन सार्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं किया है. जबकि इस प्रोजक्ट के पूरा होने की अवधि एक महीना पहले ही खत्म हो चुकी है.