लोकसभा चुनाव के बाद संगठन के कील-कांटे को दुरुस्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी जोर-शोर से सदस्यता अभियान चला रही है. बीजेपी ने सदस्यता अभियान के लिए नए सिरे से 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. पार्टी के पास पहले से 18 करोड़ सदस्य हैं. सभी पुराने सदस्यों को जोड़ने और नए सदस्य बनाने के लिए बीजेपी ने राज्य इकाइयों को टारगेट दे रखा है.
अब तक जो रिपोर्ट मिल रही है, उसके मुताबिक इस टारगेट को पूरा करने में जहां असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्य सबसे आगे हैं. वहीं राजस्थान और बिहार जैसे राज्य फिसड्डी साबित हो रहे हैं. राज्यों के सुस्त होने का असर कुल आंकड़ों पर भी पड़ा है. बीजेपी अभी तक सिर्फ 4 करोड़ सदस्य ही बना पाई है.
कौन सा राज्य सुस्त और किसने पकड़ी रफ्तार?
1. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश को नए और पुराने मिलाकर करीब 2 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट मिला हुआ है. अब तक जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक यूपी में 1 करोड़ सदस्य नए सिरे से रजिस्टर्ड हो चुके हैं. यानी यूपी ने अपने टारगेट का 50 फीसद हासिल कर लिया है.
2. बीजेपी हाईकमान की तरफ से मध्य प्रदेश को 1.5 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट मिला हुआ है. मध्य प्रदेश ने अब तक एक करोड़ सदस्य बना लिए हैं. यह कुल लक्ष्य का 65 प्रतिशत है. कहा जा रहा है कि 1.5 करोड़ सदस्य पूरे होने के बाद एमपी में बीजेपी 2 करोड़ के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेगी.
3. बिहार को 1 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट मिला हुआ है. बीजेपी नेता तो 1.5 करोड़ सदस्य बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब तक यहां करीब 30 लाख सदस्य बनाए गए हैं. बीजेपी की बिहार इकाई ने लक्ष्य का सिर्फ 30 फीसद हासिल किया है. कहा जा रहा है कि त्योहारी सीजन में बीजेपी अपने लक्ष्य को पूरा करेगी.
4. राजस्थान की रफ्तार सबसे सुस्त है. यहां पर सरकार होने के बावजूद सदस्यता अभियान काफी धीमी गति से चल रही है. राजस्थान को 1 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य मिला हुआ है, लेकिन अभी तक 25 लाख सदस्य ही बने हैं. संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने खुद इसकी समीक्षा की है.
5. असम को 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य मिला हुआ है. अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक असम में 42 लाख सदस्य बनाए जा चुके हैं. यह कुल लक्ष्य का करीब 83 फीसद है. असम में हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है.
6. तेलंगाना में बीजेपी ने 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक वहां सिर्फ 7 लाख सदस्य बनाए गए हैं. यह कुल लक्ष्य का करीब 30 फीसद है. तेलंगाना विधानसभा में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी है.
7. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा हुआ है. यहां पर बीजेपी की सरकार भी है, लेकिन अब तक सिर्फ 19 लाख सदस्य बनाए गए हैं. यह कुल मिले लक्ष्य का 40 फीसद ही है.
विधानसभा में कर्नाटक का येलाहंका सबसे आगे
बीजेपी की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक की येलाहंका विधानसभा सदस्यता अभियान में सबसे आगे है. इस विधानसभा में करीब 1 लाख 45 लाख सदस्य बनाए गए हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते बीजेपी उम्मीदवार को 1 लाख 41 हजार वोट मिले थे.
गुजरात के राजकोट (शहर) का स्थान दूसरे नंबर पर है. राजकोट में 1 लाख 25 हजार सदस्य बनाए गए हैं.
इसी तरह मध्य प्रदेश के इंदौर-1 विधानसभा सीट पर करीब 1 लाख 17 हजार सदस्य बनाए गए हैं. यहां से कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में विधायक हैं. कैलाश के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले संजय शुक्ला भी बीजेपी में आ चुके हैं.
बीजेपी की सदस्यता और उसके नियम
राजनीतिक पार्टियां अपने कामकाज को आसान बनाने और विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने के लिए सदस्य बनाती है. बीजेपी संविधान की धारा-9 में सदस्यता के बारे में विस्तार से बताया गया है.
पार्टी संविधान के मुताबिक 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के कोई भी भारतीय नागरिक पार्टी की सदस्यता ले सकता है. हालांकि, सदस्यता लेने के लिए उन्हें कुछ शर्तों का पालन अवश्य करना होगा.
मसलन, पार्टी में शामिल होने के वक्त सदस्य किसी दूसरी पार्टी का मेंबर न हो. पार्टी की सदस्यता शुल्क जमा कराने को राजी हो. बीजेपी में दो तरह के सदस्य होते हैं. एक सक्रिय सदस्य और दूसरे सदस्य. सक्रिय सदस्य होने के लिए 3 साल की सदस्यता अनिवार्य है.
बीजेपी 3 सितंबर 2024 से सदस्यता अभियान चला रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सदस्यता अभियान के तहत सबसे पहले सदस्य बने थे.