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एमपी हाईकोर्ट ने गूगल, एपल, माइक्रोसाफ्ट और शाओमी को भेजा नोटिस, डाटा चुराने का लगा है आरोप

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने साफ्टवेयर कंपनियों पर मोबाइल एप के जरिए उपयोगकर्ताओं का डाटा चुराने और सायबर ठगी करने के आरोप के मामले में जवाब-तलब कर लिया है।

इस सिलसिले में इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, स्टैंडर्ड टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन डायरेक्ट्रेट (एसटीक्यूसी), सीडेक, गूगल, एपल, माइक्रोसाफ्ट और शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किए गए हैं।

एप उपयोगकर्ता की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रहे

जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने दलील दी कि मोबाइल में मौजूद प्री-इंस्टाल या गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर से डाउनलोड किए गए एप उपयोगकर्ता की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहे हैं।

मोबाइल डाटा चोरी का यंत्र बन गया

ये एप उपयोगकर्ता की जानकारियां कई कंपनियों को साझा करती हैं, जो आगे चलकर एक सायबर ठगी का रूप भी ले सकती हैं। कई एप ऐसे होते हैं जिनमें कान्टेक्ट, फाइल्स या कैमरा का कोई उपयोग नहीं होता फिर भी इंस्टाल करने के बाद इन सभी एप्लीकेशन की परमिशन मांगते हैं। इस तरह से मोबाइल ही डाटा चोरी करने का एक यंत्र बन जाता है।

रोकथाम के लिए कड़े नियम बनाए जाएं

देश में डिजिटल क्रांति के साथ-साथ सायबर धोखाधड़ी की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। आम नागरिकों की गोपनीय जानकारी, बैंकिंग विवरण और व्यक्तिगत डेटा चोरी हो जाते हैं। जनहित याचिका में कहा गया कि वर्तमान कानूनी ढांचा केवल तब सक्रिय होता है जब किसी एप के जरिए पहले ही नुकसान हो चुका होता है।

अगर कोई एप नुकसान पहुंचा देता है, तब संबंधित एजेंसियां उसकी जांच करती हैं और उसे प्रतिबंधित करती हैं। जनहित याचिका में मांग की गई है कि इसकी रोकथाम के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।

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