Local & National News in Hindi
ब्रेकिंग
उत्तराखंड में तबाही के बाद कई जिलों में रेड अलर्ट! इन इलाकों में बाढ़ की चेतावनी पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक का निधन, 3 महीने से RML अस्पताल में थे भर्ती यहां मंदिर था, यहां दुकानें थीं… उंगली दिखाकर बताया मलबे में दबा गांव, महाप्रलय की ‘आंखों देखी’ किसी पर लगा दाग तो कोई गया सलाखों के पीछे, वो राजनेता जो ‘बदनाम’ होने के बाद निकले पाक साफ गोंडा में चलती एंबुलेंस से सड़क पर फेंका शव, Video वायरल… पुलिस ने बताई पूरी सच्चाई दिल्ली: 350 किस्म के आमों की प्रदर्शनी में दिखी भारत की झांकी…एलजी वीके सक्सेना ने किया उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पहले PM मोदी फिर अमित शाह ने की मुलाकात, सियासी अटकलें तेज राजस्थान: तेज रफ्तार बोलेरो हुई बेकाबू, 5 को मारी टक्कर… वीडियो देख दहल उठेंगे आप दिल्ली: CM रेखा गुप्ता ने ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र में किया जन सेवा केंद्र का उद्घाटन, बोलीं वि... ‘मिलेगा दोगुना रिटर्न, करोड़ों में खेलोगे…’ ऑफर सुनकर उठाया ये कदम, गंवा दिए 3 करोड़

पंजाब में नगर निगम की बड़ी पहल, कुछ ही सेकेंड में मिल जाएगी प्रॉपर्टी की असली जानकारी!

10

बठिंडा: नगर निगम ने शहर की प्रॉपर्टी व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है, जिसके तहत अब हर घर और दुकान की जानकारी मात्र एक क्यू.आर. कोड स्कैन करने से मोबाइल पर उपलब्ध होगी। नगर निगम की ओर से करवाए गए ज्योग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम (जी.आई.एस.) सर्वे के बाद हर प्रॉपर्टी पर यूनीक आई.डी. नंबर प्लेटें लगाई जा रही हैं।

इन नंबर प्लेट्स में लगे क्यू.आर. कोड को स्कैन करके संबंधित प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी में मालिकाना हक, टैक्स विवरण, सीवरेज-पानी कनैक्शन आदि मोबाइल पर देखी जा सकेगी। यह सुविधा केवल उसी मोबाइल नंबर पर उपलब्ध होगी, जो सर्वे के दौरान रजिस्टर्ड किया गया था, जिससे डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। जी.आई.एस. सर्वे के अनुसार पिछले 10 वर्षों में बठिंडा शहर में 51,810 नई रिहायशी और कमर्शियल यूनिट्स बने हैं। 2013 में शहर में कुल 95,484 यूनिट्स थे, जो अब 2025 में बढ़कर 1,47,294 हो चुके हैं। इनमें 20,384 रिहायशी, 13,181 कमर्शियल और 18,245 अन्य यूनिट्स शामिल हैं।

निगम ने पहले चरण में जोन-3 से यूनीक नंबर प्लेटें लगाने का काम शुरू किया है। टैक इंफ्रा सॉल्यूशन नामक कंपनी को यह कार्य सौंपा गया है, जिसे 31 मई 2025 तक पूरे शहर में यह कार्य पूरा करना है। नगर निगम का मानना है कि इस प्रणाली से प्रॉपर्टी टैक्स और सीवरेज-पानी के गलत विवरण देने वाले लोगों पर शिकंजा कसेगा। प्रत्येक प्रॉपर्टी मालिक को टैक्स देना अनिवार्य होगा व टैक्स चोरी की संभावनाएं समाप्त होंगी।

3 साल तक चलेगा डेटा सुधार का कार्य

जी.आई.एस. सर्वे के बाद कंपनी को 3 साल और दिए जाएंगे, जिनमें वह किसी भी त्रुटि को ठीक कर सकेगी और सिस्टम को पूरी तरह अपडेट रखेगी। नगर निगम की यह पहल शहर को स्मार्ट सिटी की दिशा में आगे बढ़ाने वाली साबित हो सकती है। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी, टैक्स प्रणाली मजबूत होगी और नागरिकों को भी अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी घर बैठे उपलब्ध होगी

2013 से 2023-24 तक आंकड़ों में बढ़ौतरी

2013 : 53,871 रिहायशी, 14,172 कमर्शियल व 27,441 अन्य यूनिट।

2023-24 : 74,255 रिहायशी, 27,353 कमर्शियल व 45,686 अन्य यूनिट।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.