जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’पर सरकार के साथ कांग्रेस खड़ी दिख रही थी , लेकिन पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की घोषणा के बाद उसके तेवर बदल गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की मध्यस्थता कराने के दावे को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर लगातार मोदी सरकार के साथ सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं और अपनी पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं. थरूर के स्टैंड से कांग्रेस असहज हो रही है.
भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर शशि थरूर ऐसी टिप्पणियां कर रहे हैं जो कांग्रेस के रुख से अलग हैं. थरूर ने कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और फैसलों की तारीफ की है, जिसे पार्टी का एक धड़ा अपनी विचारधारा के खिलाफ मानता है. कांग्रेस मानती है कि शशि थरूर ने अब तो ‘लक्ष्मण रेखा’ ही पार कर दी है. ऐसे में सवाल उठता है कि पीएम मोदी पर मेहरबान थरूर ने कांग्रेस की अगर लक्ष्मण रेखा लांघ दी है तो फिर पार्टी उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं ले रही है?
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